Shri Dungargarah Live

Hindi News POrtal

इतिहास के पन्नों से…टेक्स ने करवाई पिटाई

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…27 अप्रेल 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।

टैक्स ने करवाई पिटाई

राजाओं की टैक्स व्यवस्था बड़ी दिलचस्प थी–लगभग चालीस तरह के टैक्स थे, मगर वर्तमान समय से फिर भी कम थे। राजा लोग सोलह रुपये में तेल खरीद कर नब्बे रुपये में न स्वयं बेचते थे, न अपने किसी मरजीदान को बेचने देते। खाने-पीने की चीजों में मिलावट नहीं करने देते। वस्तुओं की बेईमानी नहीं थी। राजा कम खराब थे, कारिंदे ज्यादा खराब थे। महाराजा गंगासिंहजी का एक कारिंदा मोचियों से टैक्स वसूलने आया। मोची ने निवेदन किया–ठाकर साहब अभी जूतियां बिक नहीं रही हैं, अबकी दफा टैक्स दे दूंगा। कारिंदा ने कहा–अभी टैक्स दे, नहीं तो यह छड़ी देखता है, इससे खाल उधेड़ दूंगा। मोची ने देखा-ठाकर अधिक ताकतवर तो नहीं है,पर छड़ी तथा बाजू में बंधी चपड़ास पर इतरा रहा है। मोची ने कहा-ठाकर साहब चपड़ास की ताकत दिखा रहे और राजाजी की छड़ी से डरा रहे हो ? ठाकर ने ठकराई के नशे मे बाजू पर बंधी चपड़ास को खोलकर नीचे डाल दिया। मोची अवसर की तलाश में था। उसने लपक कर चपड़ास अपने हवाले की और ताकत के बल पर ठाकर साहब की अच्छी धुनाई की। बीकानेर जाकर राजाजी से मोची की शिकायत की कि चपड़ास छीन ली और टैक्स भी नहीं दिया। राजा ने मोची को तलब किया। पूछा–ऐसे करने की हिम्मत कैसे हुई? मोची ने कहा–हुजूर टैक्स की तो कोई बात नहीं है। आपके कारिंदे ने राज्य की चपड़ास को खोलकर फैंक दिया। इसका अपमान देखा नहीं गया। अब आप जो दण्ड दें। महाराजा ने कहा–मोची को छोड़ दो, कारिंदे के बीस कोड़े लगाओ।

टेक्स पर और भी कई इतिहासपरक बाते है…जो आने वाले दिनों में पाठको के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी।

error: Content is protected !!