
श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज 24 फरवरी 2021।
आज हैं भीम द्वादशी, प्रदोष व्रत व अभिजीत मुहूर्त लागू नहीं होगा जाने आज का पंचाग –
दिनांक :- 24 फरवरी 2021
वार :- बुधवार
तिथि :- द्वादशी 18:05 बजे तक
पक्ष :- शुक्ल पक्ष
माह :- माघ
नक्षत्र :- पुनर्वसु 13:16 बजे तक तत्पश्चात पुष्य नक्षत्र शुरू
चन्द्र राशि :- मिथुन 07:09 बजे तक तत्पश्चात कर्क राशि
सूर्य राशि :- कुम्भ
ऋतु :- शिशिर
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:05 बजे
सूर्यास्त :- 18:39 बजे
दिन काल :- 11 घण्टे 24 मिनट रात्री काल :- 12 घण्टे 34 मिनट
चंद्रोदय :- 15:28 बजे
चंद्रास्त :- 29:44 बजे
राहू काल :- 12:47 – 14:13 अशुभ
अभिजित :- 12:24 -13:10 अशुभ
पंचक :- नहीं
दिशाशूल :- उत्तर दिशा में
समय मानक :- श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)
चोघडिया, दिन
लाभ :- 07:05 – 08:30 शुभ
अमृत :- 08:30 – 09:56 शुभ
काल :- 09:56 – 11:22 अशुभ
शुभ :- 11:22 – 12:47 शुभ
रोग :- 12:47 – 14:13 अशुभ
उद्वेग :- 14:13 – 15:39 अशुभ
चर :- 15:39 – 17:04 शुभ
लाभ :- 17:04 – 18:30 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग :- 18:30 – 20:04 अशुभ
शुभ :- 20:04 – 21:38 शुभ
अमृत :- 21:38 – 23:13 शुभ
चर :- 23:13 – 24:47* शुभ
रोग :- 24:47* – 26:21* अशुभ
काल :- 26:21* – 27:55* अशुभ
लाभ :- 27:55* – 29:30* शुभ
उद्वेग :- 29:30* – 31:04* अशुभ

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
🌌 दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
📝 तिथि के स्वामी – द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री विष्णु जी और त्रियोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी है।
🪙 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनीकुमार जी और नक्षत्र के स्वामी केतु जी है ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।
🚗 यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-शिव मंदिर में दुग्धाभिषेक करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
✍🏼 विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर एवं त्रयोदशी तिथि को बैंगन नहीं खाना चाहिये। ये इन तिथियों में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण हैं। आज के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से किया गया पूजन, उनके नाम एवं स्तोत्रों (विष्णुसहस्रनाम) के पाठ एवं जप से धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
⚜️ आज के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये तथा भगवान नारायण का पूजन और जप आदि से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह तिथि यशोबली और सर्वसिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। भद्रा नाम से विख्यात ये तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।
द्वादशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।













अन्य समाचार
पूर्व उपजिला प्रमुख व पूर्व प्रधान स्व. जेठाराम डूडी को किया याद, पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
नेता प्रतिपक्ष पहुंच रही है घर-घर, दे रही है गहलोत सरकार की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी
चिड़पीड़ नाथजी की बगेची में उड़ा चंद्रयान, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस