श्रीडूंगरगढ़ लाइव 29 जून 2023। प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
बीकानेर में राज सभा 10 नवम्बर 1913 को स्थापित हुई। राज्य के प्रतिष्ठित एवं सम्मानित लोगों को इसके सदस्य बनाए गए। तत्कालीन बीकानेर राज्य के हर शहर से एक दो सदस्य लिए गए। सन 1917 को श्रीडूंगरगढ के श्री दौलतराम भादानी को सदस्य बनाया गया, उनका राज्य सभा में स्वागत किया गया और उन्हें सामखोरी (स्वामी भक्ति), देशभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई गई। दौलतराम के साथ अन्य जगहों से दस अन्य सदस्य थे। ये ग्यारहवें सदस्य थे। इस समय डी एम नानावटी लेजिस्लेटिव डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी थे। दुर्भाग्यवश दो वर्ष बाद ही श्री दौलतराम भादानी की मृत्यु हो गई।सन 1919 में श्री हरखचंद भादानी को उनकी जगह सदस्य बनाया गया।बीकानेर महाराजा गंगासिंहजी ने दौलतराम भादानी की मृत्यु पर शोक सभा रखी। महाराजा ने दुख प्रकट किया और हरखचंद जी को शपथ दिलाई। हरखचंद जी लम्बे समय तक इसके सदस्य रहे। श्रीडूंगरगढ के हित की कई बातें उन्होंने राज्य सभा में उठाई।










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