श्रीडूंगरगढ़ लाइव 11 जून 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
श्रीडूंगरगढ़ में रेलवे स्टेशन

श्रीडूंगरगढ़ में रेलवे स्टेशन की स्थापना सन 1924 में हुई। इस समय यह स्टेशन बीकानेर स्टेट रेलवे के अधीन था। बीकानेर में रेल का आगमन सन 1891 में हो चुका था। अंग्रेजों के साथ एक समझौते के तहत पहले बीकानेर से जोधपुर तक रेल लाइन डाली गई और यह कार्य बीकानेर जोधपुर दोनो राज्यों के परस्पर समझौते के अन्तर्गत किया गया। सन 1924 में यह समझौता समाप्त कर दिया गया। सन् 1926 में बीकानेर राज्य को अपनी रेल के माध्यम से सालाना आठ लाख रुपए की आय होती थी। रेलवे से संबंधित सारा विवरण बीकानेर राज्य के गजट में प्रकाशित हुआ करता था।
श्रीडूंगरगढ़ छोटे नाप की रेल लाइन का स्टेशन रहा। यह ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां सभी गाड़ियों का ठहराव रहा है। एक बार लिंक एक्सप्रेस का ठहराव नहीं हुआ, तब यहां बहुत बड़ा जन आंदोलन हुआ। राजस्व के मामले में यह बीकानेर संभाग का पांचवा बड़ा स्टेशन माना जाता है। यहां रेलवे अधीक्षक का कार्यालय है। वेटिंग रूम बना हुआ है, जो बीकानेर के बाद यहीं है। श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन, श्रीडूंगरगढ़ और सालासर दो गांवों की रोही की सीमा रेखा पर बना हुआ है। यह इस क्षेत्र का एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसके पास बहुत बड़ा सर्कुलेटिंग एरिया है। रेलवे स्टेशन पर स्थानीय दानदाताओं के द्वारा 5 वाटर कूलर लगे हुए हैं, तथा एक स्वयं रेलवे विभाग ने लगा रखा है। वर्तमान में रेलवे स्टेशन अधीक्षक श्री राजेंद्र कुमार सोनी हैं, जो इसी शहर के निवासी हैं।
, पहले इस स्टेशन पर स्टेशन मास्टर कार्यालय, प्रतीक्षालय, स्टोर आदि बने हुए थे। पुरानी पद्धति का सिग्नल तथा एक तरफा स्टेशन था। स्टेशन के निकट 10- 12 छोटे-छोटे क्वार्टर बनाए गए, रेलवे में कार्य करने वाले कुछ कर्मचारियों के लिए। बाद में पास में एक छोटी बस्ती बस गई। सामने बालचंद कोडामल डागा परिवार द्वारा एक सुंदर सी धर्मशाला का निर्माण करवाया गया, क्योंकि रेलवे स्टेशन शहर से तीन किलोमीटर दूर होने के कारण, किसी को रात्रि विश्राम आदि करना हो, तब यह धर्मशाला काम आती थी। प्रारंभ में शहर के दुकानदारों का अधिकांश सामान रेलवे के द्वारा ही आया करता था, इसलिए यहां नगर पालिका की ओर से एक चुंगी घर भी बना हुआ था। सन 2011 में श्रीडूंगरगढ़ के रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया गया। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म भी दो बना दिए गए। लाइन को भी मीटर गैज से ब्रॉडगेज में परिवर्तित कर दिया गया। एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए फुटओवर ब्रिज बना दिया गया है। आधुनिकीकरण के दौरान 12 महीने तक रेलवे स्टेशन बंद रहा। सिग्नल प्रणाली भी अब नवीनतम हो चुकी है। वर्तमान में श्रीडूंगरगढ़ से 24 गाड़ियों का आवागमन होता है। मध्य बाजार से रेलवे स्टेशन तक जब प्रारंभिक सड़क बनी, उसके लिए बीकानेर लेजिसलेटिव में श्रीडूंगरगढ़ के हरखचंद भादानी ने बड़ा प्रयास किया था।











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