श्रीडूंगरगढ़ लाइव 04 जून 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
धार्मिक सहिष्णुता वाला शहर
श्रीडूंगरगढ़ में धार्मिक सहिष्णुता रही है। मुझे याद पड़ता है कि तेरापंथ समुदाय के आचार्यों के धार्मिक प्रवचनों में अनेक जातियों के लोग उपस्थित होते रहे हैं। स्वयं आचार्य श्री तुलसी ने हरिजनोत्थान के कार्य यहां किए। मुसलमान बंधु भी प्रवचनों में आते रहे हैं।
जैन साध्वियां जब यहां से आडसर-मोमासर साइड में विहार करती तो पहला वास आडसरबास में किसनारामजी- कन्हैयालालजी लखोटिया की हवेली अथवा खींवकरणजी सोमानी की हवेली में करती। निकट सारे ही घर माहेश्वरियों के होने से इन्हीं घरों में गोचरी भी करती और सायंकालीन प्रवचन में मौहल्ले के स्त्री-पुरूष माहेश्वरी व दूसरी जातियों के लोग आते। अनेक महिलाओं ने जमींकंद न खाने जैसे कई सौगन भी लिए। पुराने लोग इन सब बातों को आज भी याद करते हैं । यहां सामाजिक विभेद जैसा कुछ नहीं होता था ।










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