श्रीडूंगरगढ़ लाइव…07 मई 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
मोमासर हुआ खालसे
सन 1904 में महाराजा श्रीगंगासिंहजी का 25वां जन्मदिन बहुत धूमधाम से बीकानेर में मनाया जाना तय हुआ। इस अवसर पर बधाई देने तथा नजराना करने के लिए सभी ताजीमी सरदार-एवं जागीरदार एकत्रित हुए। तब सुजानगढ़ एवं रिणी के नाजीमों तथा पुलिस की रिपोर्ट में यह पता चला कि इस अवसर पर जो असंतुष्ट सरदार हैं, वे अधिक से अधिक अपना गुट बनाने में लगे हुए हैं। जबकि महाराजा गंगा सिंह 3 वर्ष पूर्व इन सभी असंतुष्ट सरदारों को चेतावनी दे चुके थे, कि उन्हें राज्य के खिलाफ कोई भी षड्यंत्र नहीं करना चाहिए, पर सरदारों ने महाराजा की चेतावनी की अधिक परवाह नहीं की। सन उन्नीस सौ चार 29 अक्टूबर को एक जांच कमेटी बनाई गई, जिसमें यह साबित हुआ कि कुछ असंतुष्ट जागीरदार गुटबाजी करने में जुटे हुए हैं। थोड़े दिनों बाद ही एक जांच आयोग भी बनाया गया, जिसमें यह परीक्षण किया गया की तीन ठिकानों के ठाकुर इस षड्यंत्र में अग्रगामी हैं जबकि आठ सरदार उनके गुट में शामिल है। आयोग ने कहा कि ये तीनों सरदार जो कि बीदासर, अजीतपुरा, तथा गोपालपुरा के ठाकुर हैं, इन्होंने अन्य पट्टेदारों को भी भड़काने का कार्य किया है। अभियोग में यह पाया गया कि अजीतपुरा का ठाकुर महाराजा के प्रति स्वयं तो अश्रद्धा रखता ही है, वह कई तरह के दूसरे षड्यंत्र भी रच रहा है। राज्य के अन्य भागों में भी वह अश्रद्धा फैलाने का कार्य कर रहा है, यही कार्य गोपालपुरा और बीदासर का ठाकुर भी कर रहा है। आयोग ने इन सरदारों के लिए जो दंड प्रस्तावित किया, वह यह था। गोपालपुरा के ठाकुर राम सिंह को 7 वर्ष का साधारण कारावास तथा ₹7000 का अर्थदंड दिया जाए। बीदासर के ठाकुर हुकम सिंह तथा अजीतपुरा के ठाकुर भैरो सिंह को 10- 10 वर्ष का साधारण कारावास तथा दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड दिया जाए। रीजेंसी कौंसिल ने निम्न दंड की सिफारिश की। बीदासर के ठाकुर हुकम सिंह को 7 वर्ष का कठोर कारावास और ₹500 का अर्थदंड तथा उनके पट्टे का गांव मोमासर को स्थाई रूप से जब्त कर लिया जाए। पट्टेदार हुकम सिंह को सभी अधिकारों से च्युत कर दिया जाए। ठाकुर हुकम सिंह जब तक सुधर नहीं जाए, उसको नजर में कैद रखा जाए। मोमासर को छोड़कर बीदासर उस के सबसे बड़े पुत्र को वयस्क होने पर प्रदान कर दिया जाए। अजीतपुरा के ठाकुर भैरो सिंह के लिए कहा गया कि उन्हें 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा ₹500 का अर्थदंड दिया जाए और प्रशासकीय ढंग से उनकी संपूर्ण जागीर को स्थाई रूप से जब्त कर लिया जाए। गोपालपुरा के ठाकुर राम सिंह को 5 वर्ष का कठोर कारावास और ₹3000 का अर्थदंड दिया जाना तय हुआ और गोपालपुरा को जब्त कर लेने का भी आदेश दिया गया। गोपालपुरा के ठाकुर राम सिंह को सभी तरह के अधिकारों से वंचित कर दिया जाए। बीदासर के ठाकुर हुकम सिंह को गांव मोमासर छुड़ाकर उसे खालसा कर दिया जाने का भी हुक्म दिया गया। सन 1904 से देश आजाद होने तक मोमासर बीकानेर राज्य के अधीन खालसे रहा।










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