श्रीडूंगरगढ़ लाइव…19 अप्रेल 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
मालू भवन रहा है श्रीडूंगरगढ़ का महत्वपूर्ण स्थल
लगभग पचपन वर्ष तक जो भादानियों के नोहरे के रूप में शहर की सांस्कृतिक हलचल का केन्द्र रहा । जिसमें सैकड़ों धार्मिक-सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए । शहर के मध्य में होने के कारण हर कार्यक्रम का यह आयोजन स्थल रहा । जब भादानी परिवार के राजेन्द्र बाबू ने लगभग तीस वर्ष पहले बेचना तय किया तो श्री रुकमानंद मालू एवम् उनके सुपुत्रगण ने इसके सांस्कृतिक मूल्य को समझते हुए इस धरोहर को खरीद कर इसे एक नई अर्थवत्ता प्रदान करदी । अब यह तीन दशाब्दी से मालू भवन के रूप में नए सौंदर्य के साथ आध्यात्मिक चेतना का स्थल बना हुआ है । मालू परिवार ने इसका जीर्णोद्धार करवाया ।
तेरापंथ धर्म संघ के सेवा केन्द्र के रूप में इसका बड़ा भारी महत्व है । अनेक धार्मिक गतिविधियां यहां से सतत् संचालित हो रही है । अनेक चातुर्मास ,माघ महोत्सव तथा कई बड़े धार्मिक सम्मेलन यहां हो चुके । गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी ने इस भवन की महता प्रतिपादित करते हुए कहा था कि भले ही कितने ही अन्य भवन बन जाए साध्वीगण का यह सेवा केन्द्र तब तक रहेगा,जब तक मालू परिवार मना नहीं कर देगा । सबसे अच्छी बात है कि मालू परिवार ने इसे अपने पारिवारिक ट्रस्ट के अधीन कर हमेशा के लिए तेरापंथ धर्म संघ के निमित्त कर दिया है । इस भवन का सारा खर्च मालू परिवार तीन दशक से उठाता रहा है । मालू परिवार की धार्मिक आस्था उल्लेखनीय रही है ।










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