Shri Dungargarah Live

Hindi News POrtal

इतिहास के पन्नो से…महाराज का ठिकाना

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…16 फरवरी 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।

महाराज का ठिकाना और माणकचंद जी पुगलिया

किसी से पूछा जाए कि श्रीडूंगरगढ में सब से लोकप्रिय जगह कौन सी है तो एक ही उत्तर मिलेगा – महाराज का ठिकाना ।मेरे जैसे व्यक्ति को भी बहुत समय बाद पता चला कि यह उदार और धर्म प्रेमी श्री माणकचंद जी पुगलिया का मकान है ।यह वह सौभाग्यशाली मकान है जिसने तेरापंथ धर्म संघ के कितने उच्चकोटि के आचार्यों – साधु – साध्वियों का उत्तम सान्निध्य प्राप्त किया है ।कितने उत्तम ग्रंथों की यहां रचना हुई ।तेरापंथ धर्म संघ के वरिष्ठ मुनि बुद्धमलजी को मैंने यहीं तेरापंथ धर्मसंघ का इतिहास लिखते देखा है ।
सेठ बींजराज जी पुगलिया के चतुर्थ सुपुत्र माणकचंद जी बङे शानदार व्यक्तित्व के धनी थे । सभी गुणों से युक्त उन्हें जीवंत व्यक्ति कहा जा सकता है । उनका सेवा भाव सदैव चर्चित रहा है ।यों तो सेठ बींजराज जी भी कम नहीं थे, पर उनके लाडले पुत्र माणकचंद जी में धर्म की भावना बङी प्रबल थी ।


अपने निजी आवास में बाहरी लोगों की चहल-पहल कोई कितने वर्षो तक बरदास्त कर सकता है, पर वे इतने चाव वाले व्यक्ति थे-महाराज के ठिकाने अर्थात अपनी हवेली के इस विशाल प्रांगण के वे सदैव स्वच्छ रखते । साधु- साध्वियों की सेवा को वे अपना अहोभाग्य समझते थे ।आए गए लोगों की सेवा कर उन्हें प्रसन्नता होती ।स्वयं नाङी विशेषज्ञ भी थे ।इस सम्बन्ध में लोग उनसे परामर्श लिया करते थे ।आपका जन्म संवत 1978 को हुआ तथा संवत 2042 को आप देवलोक मगन कर गए, पर पीछे उदारता और यश की लकीर छोङ गए ।

error: Content is protected !!