श्रीडूंगरगढ़ लाइव…8 अप्रेल 2023। प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
श्रीडूंगरगढ़ में सिनेमा हाॅल
भले ही श्रीडूंगरगढ़ में और शहरों की भांति सुन्दर सिनेमाघर नहीं बन पाया,पर यहां सबसे पहले सिनेमाघर प्रारंभ करने का श्रेय स्व कोडामल झंवर को जाता है । ये कालूबास के थे तथा इनका ताल्लुक राय बहादुर आशारामजी झंवर परिवार से था । इन्होंने बालभारती स्कूल के पास सिनेमाघर चलाया । मूक फिल्मों के काल में ही इन्होंने यहां सिनेमाघर शुरू कर दिया था । थोड़े ही दिनों में बोलती फिल्में शुरू हो गई थी । कोडामलजी के पिता का नाम सदारामजी था, जिन्होंने नेहरू पार्क के पास कुआ करवाया था,जो आज भी चालू है । इनकी हवेली के ठीक सामने एक महफिल थी । जिसमें गाना बजाना करने के लिए कभी अवसर विशेष पर गाने और नाचनेवालियों को भी बुलाया जाता । बहुत छोटी अवस्था में हमने इस महफिल में टीकूजी गुरूजी द्वारा लगाई जानेवाली स्कूल में पढाई की है ।
लोक निंदा के भय से कोडामलजी झंवर ने सिनेमाघर बंद कर दिया । बाद में राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के पीछे पुगलिया परिवार के नोहरे में सरदारशहर के एक व्यक्ति ने सिनेमाघर चलाया । वह भी ज्यादा वर्ष नहीं चला । इसके बाद अस्सी के दशक में चूरू के एक मुस्लिम व्यक्ति ने हाईवे पर मंगलाराम जी के कांटे के पास सिनेमाघर चलाया पर बहुत वर्ष तक वह भी नहीं चल पाया ।










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