श्रीडूंगरगढ़ लाइव 21 जून 2023। आज योग दिवस है और उसके साथ संगीत दिवस भी आज ही है। दोनों ही सांसों से जुड़े हुए है। दोनों से ही तन और मन प्रफुल्लित हो जाते हैं और आत्मा आनंदित होती है। योग का अर्थ होता है जोड़ना। अर्थात हम हमारे तन और मन को जोड़े। अब सवाल है कि कैसे जोड़ें तो हमारे योगाचार्यों ने बड़ा सुंदर बताया है कि व्यक्ति सांस द्वारा अपने तन और मन को जोड़ सकता है और साध सकता है। यानी कि अगर हम सांस को साध लेंगे तो हम अपने स्थूल और सूक्ष्म दोनों शरीरों को साध सकते हैं। योग के लिए व्यक्ति को 24घण्टों में अतिरिक्त समय निकालने की आवश्यकता नहीं है अगर वह अपनी पूरी दिनचर्या को सुव्यवस्थित बना ले। योग उसके सोने में है, जागने में है, उसके नित्यकर्म में है, योग उसके भोजन करने में है और यहां तक कि योग उसके कर्म में है। व्यक्ति अपनी सांसों पर ध्यान लगाकर, उन्हें साधकर अपने जीवन को योगमय बना सकता है। अधिकांश मनुष्यों को जीवन जीना आता ही नहीं है वो बस जी रहे हैं क्योंकि तुम जी रहे हो, सब जी रहे हैं तो मैं भी जी रहा हूँ। अगर व्यक्ति को अपना उद्देश्य स्पष्ट हो जाये और वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कटिबद्ध हो जाए तो यह उसके जीवन का योग ही है।
आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। आज के एक दिन हम योग करके इसकी इतिश्री कर लेते हैं तो इसका सीधा-सा अर्थ है कि हमें योगमय जीवन शैली से परिचित होने की नितांत आवश्यकता है। एक स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन और आनंदित हृदय योग से ही सम्भव है। यह संकल्प का दिन है कि आज से अब हम योगमय जीवनशैली जिएंगे। योग हमारे आहार में झलके, व्यवहार में परिलक्षित हो।










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