श्रीडूंगरगढ़ लाइव 19 जून 2023।पहले देश सेवा के लिए बेटा दिया फिर शहीद स्मारक की जमीन भी सेना अर्थात देश के नाम कर दी। ऐसी सोच के शहीद पिता के लिए एक सेल्युट तो बनता है।
जज्बे को सलाम: बस एक ही धुन, हर जगह हो शहादत की गूंज :- शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि
वीरों की भूमि राजस्थान में एक से बढकऱ एक उदाहरण है, जिस पर हर राजस्थानी को गर्व हैं। जवान बेटे की शहादत के बाद 80 वर्षीय पिता की चाहत थी कि उनके बेटे के शहादत की गूंज पूरे जहां में सुनाई दे। ये एक ऐसे ही पिता की दास्तान है जिन्होंने अपने बेटे की शहादत को क्षेत्र के लोगो और युवाओ के समक्ष वक नजीर के रूप में प्रस्तुत किया।
बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ उपखंड के गांव बिग्गा बास रामसरा निवासी डा. कन्हैया लाल सिहाग चाहते हैं कि युवा पीढ़ी देश सेवा का संकल्प ले। उनके पुत्र कैप्टन चंद्र चौधरी नौ सितम्बर 2002 में कश्मीर में शहीद हो गए। उन्होंने शहीद का अंतिम अंतिम संस्कार अपने पैतृक गांव और खुद की जमीन में करवाया। बाद में शहीद स्मारक बनाने के लिए 9000 वर्गमीटर जमीन दी। इसी परिसर में अंत्येष्टि स्थल, प्रतिमा स्थल के साथ विजयंत टैंक स्थापित है। प्रतिमा स्थापना, समाधि स्थल तथा चार दिवारी का आधा हिस्सा भी शहीद के पिता ने स्वयं बनाया है।
अब हो गई भारतीय सेना की सम्पत्ति
डा. कन्हैयालाल सिहाग ने अपने शहीद पुत्र की शहादत को अमर करते हुए उसी 9000 वर्गमीटर में बने शहीद स्मारक का पट्टा बनवाकर भारतीय सेना के नाम रजिस्ट्री करवा दी। अब यह स्मारक भारतीय सेना की संपत्ति है। राजस्थान सरकार के उप सचिव के आदेश से भारतीय सेना के नाम से ये निशुल्क पट्टा सेना के नाम से रजिस्ट्री करवा दिया गया। इसके लिए भी सिहाग को राजस्थान सचिवालय से कई सालों तक पत्राचार करने के बाद यह निशुल्क पट्टा मिला।
श्रीडूंगरगढ़ के छोटे से गांव मैं हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शहीद स्मारक
बीकानेर जिले की वीरो की भूमि कहे जाने वाले श्रीडूंगरगढ़ उपखण्ड के छोटे से गांव बिग्गा बास रामसरा, जहां बस की सुविधा भी नहीं वहां पर बना है हिंदुस्तान का सबसे बड़ा निजी शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी स्मारक। जो अब है इस राष्ट्र की धरोहर।

दो जगह हैं शहीद स्मारक
शहीद के भाई सीताराम सिहाग ने बताया कि शहीद की याद में दो जगह स्मारक बने हैं। एक तो गांव में अंत्येष्टि स्थल पर है। इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया। जबकि, दूसरा बीकानेर में है। उसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने किया।
सीताराम का दावा है कि शहीद की स्मृति में निजी स्तर पर बनने वाला यह देश में इकलौता स्मारक है। बीकानेर के म्यूजियम चौराहे के पास स्थित शहीद चंद्र चौधरी स्मारक में शहीद की प्रतिमा, टैंक और एयरक्राफ्ट लगे हैं। गांव में भी शहीद के नाम से स्कूल व स्टेडियम हैं।

कैप्टन चंद्र चौधरी शहीद स्मारक के साथ ही बना है शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी राजकीय स्टेडियम। बिग्गा बास रामसरा गांव की स्कूल को बड़ा करने के लिए जमीन ना होने के कारण स्टेडियम के एक कोने में ही गवर्नमेंट द्वारा शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय का निर्माण कराया गया। कैप्टन चंद्र चौधरी एक आम स्टेडियम था मगर पिछली बार ग्रामीण ओलंपिक की लोकप्रियता को देखते हुए तकरीबन 2700000 रुपए की लागत से नया शानदार स्टेडियम तैयार हुआ है जहां क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, ग्राउंड, खो खो ग्राउंड, 600 मीटर की ट्रैक और शानदार दर्शकदीर्घा का निर्माण कराया गया है। श्रीडूंगरगढ़ में ये ग्राउंड में सबसे श्रेष्ठ है

बेटे पर फक्र
डॉ कन्हैयालाल सिहाग कहते है कि शहीद राष्ट्र की धरोहर होते हैं। आने वाली पीढियां शहीदों से प्रेरणा लेे, बस यही सोचकर लगा हूं। आज सेना के प्रति जो सोच और माहौल बना है, उसको देखकर बड़ी खुशी होती है। बेटा शहीद हुआ तब गांव में मात्र दो जने सेना में थे। आज इनकी संख्या पांच दर्जन के करीब हो चुकी है। श्रीडूंगरगढ़ तहसील में भी जवानों की संख्या ज्यादा है। यह देखकर गर्व होता है। बेटे की शहादत पर सदा फख्र रहेगा।










अन्य समाचार
श्रीडूंगरगढ़ भाजपा कार्यलय में पहुंचे भाजपा प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल। कार्यकर्ताओ में भरा चुनावी जोश
20 साल बाद वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड से जीता भारत: टूर्नामेंट में लगातार 5वीं जीत, कोहली 95 रन बनाकर आउट, शमी ने लिए 5 विकेट
आज शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन बना आयुष्मान योग, जानें आज का पंचांग शुभ मुहूर्त राहुकाल