श्रीडूंगरगढ़ लाइव 12 जून 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
महाराजा गंगा सिंह की जुबली
महाराजा गंगासिंह के बीकानेर राज्य की गद्दी नशीन होने के 25 वर्ष पूर्ण होने पर, बीकानेर में एक जुबली महोत्सव मनाया गया। महाराजा ने इस महोत्सव का नाम रजत जयंती न देकर जुबली ही दिया और यह सन 1912 को 24-25-26 सितंबर को मनाया गया। त्रिदिवसीय इस समारोह में अनेक प्रकार के कार्यक्रम हुए। महाराजा ने तत्कालीन अंग्रेज रेजिडेंट, बड़े फौजी अफसरों और बीकानेर राज्य के सभी रईस लोगों को आमंत्रित किया। तीनों ही दिन बड़े-बड़े भोज दिए गए। 25 सितंबर को डूंगर महाविद्यालय जिसे उस समय डूंगर मेमोरियल कॉलेज नाम दिया गया था, का महाराजा ने उद्घाटन किया। जबकि यह कॉलेज कुछ वर्ष पहले प्रारंभ हो गया था। कॉलेज के भवन का उद्घाटन इस दिन हुआ। डूंगर कॉलेज की स्थापना महाराजा डूंगर सिंह जी ने ही कर दी थी, क्योंकि वे अपने राज्य में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहते थे। भवन बनाने के पूर्व ही उनका देहांत हो गया था। भवन बनाने का काम महाराजा गंगा सिंह ने किया।
जुबली के इस महोत्सव में अनेक धनाढ्य जनों को सम्मानित भी किया गया। श्रीडूंगरगढ़ को बसे हुए इस समय पूरे 30 वर्ष हुए थे। जुबली का श्रीडूंगरगढ़ को कोई प्रत्यक्ष फायदा नहीं हुआ। अलबत्ता, श्रीडूंगरगढ़ में उस समय जो घर थे, उन सभी घरों से जुबली के नाम पर दो दो रुपए वसूले गए।










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