श्रीडूंगरगढ़ लाइव…22 मई 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
वृक्ष-मित्र श्री ताराचंदजी इन्दौरिया
सदैव मुस्कराकर बात करनेवाले सेवानिवृत्त अध्यापक श्री ताराचंदजी इन्दौरिया से यों तो आप सभी परिचित हैं। बीसों वर्षों तक श्रीडूंगरगढ़ की राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अध्यापक रहे और यहीं से कुछ वर्षों पूर्व वाइस प्रिन्सिपल के पद से सेवानिवृत्त हुए। वरतमान में 75 वर्ष के हैं। सामाजिक सेवा से ओतप्रोत इन्दौरियाजी ने बीस वर्ष पहले आडसर बास स्थित नगर कल्याण समिति द्वारा संरक्षित शांतिधाम में पेड़ लगाने का संकल्प ग्रहण किया। प्रथम वर्ष मात्र सौ पेड़ ही लगाए।

पर धीरे-धीरे करते सत्रह अठारह वर्षों में वे इस सौ बीघा भूमि को चार हजार पेड़ों की सौगात व श्रृंगार दे चुके हैं। उनके धैर्य का जवाब नहीं है। वे 365 दिन शांतिधाम में पेड़ों की तीमारदारी करने पहुंच जाते हैं । पेड़ों का पोषण किसी अबोध बालक से ज्यादा कठिन होता है। इस अबोल के दुख तकलीफ को कोई इन्दौरिया जी जैसे वृक्ष मित्र ही समझ सकते हैं।

सर्दी गर्मी के घात-पशुओं मनुष्यों की क्रूरता से इन्हें बचाना बड़ा कठिन होता है। बेशक बीस वर्षों से पेड़ लगाने का खर्च श्री चुन्नीलालजी सोमानी का परिवार वहन करता है-पर तत्परता और लगन इन्दौरिया जी की अपनी है। गौसेवा के कार्य से भी आप जुड़े हुए हैं। गौपाल गौशाला के वर्तमान में उपमंत्री हैं। गायों के लिए आप सदैव तत्पर रहते हैं। इन्दौरियाजी की प्रेरणा से सोमानी परिवार ने लोक हित के अनेक कार्य किए हैं। नाम सम्मान की आकांक्षा से दूर सदैव वे समाज के कल्याणार्थ सोचते एवम कुछ न कुछ करते रहते हैं।










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