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जिस किसी से जितना भी सीखने को मिलें प्रयत्न कर उसे सीखना चाहिए: अनन्तश्री दण्डी स्वामी श्रीरामानन्द तीर्थजी महाराज, श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ का समापन आज , कल होगी पूर्णाहुति

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…18 मई 2023। यहां के आडसर बास में ओमप्रकाश बुद्धमल जगदीश प्रसाद काशीराम राधेश्याम सारस्वा  पातलीसर परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में गुरुवार को अनन्त दण्डी स्वामी श्रीरामानन्द तीर्थजी महाराज (ऋषिकेश) ने दत्तात्रेय की 24 गुरुओं की कथा सुनाई।

उन्होंने कहा की जिस किसी से भी जितना सीखने को मिले, हमें अवश्य ही उसे सीखना चाहिए। इस दौरान महाराज ने 24 गुरुओं में कबूतर, पृथ्वी, सूर्य, पिंगला, वायु, मृग, समुद्र, पतंगा, हाथी, आकाश, जल, मधुमक्खी, मछली, बालक, कुरर पक्षी, अग्नि, चंद्रमा, कुमारी कन्या, सर्प, तीर (बाण) बनाने वाला, मकडी़, भृंगी, अजगर और भौंरा (भ्रमर) को शामिल होने की बात कहीं।

महाराज ने कहा कि ये सब जीव मनुष्य के लिए बहुत कुछ सीखने के लिए छोड़ते है। परंतु जिस तरह समय का चक्र चल रहा है। मनुष्य कपटी, आलसी व कर्तव्य के प्रति वहिन हो रहा है। कथा में महाराज ने भगवान की पृथ्वी लोक पर विभन्न लीलाओं का भी बखान किया। उन्होंने कहा कि जब भी मानव जाति, ऋषि मुन्नीयों पर संकट आया है। भगवान ने स्वयं अवतार लेकर दुर्जनों का नाश किया है।

उन्होंने कहा कि भगवान दत्तात्रेय ने सूर्य से सीखा कि जिस तरह एक होने पर भी अलग-अलग माध्यमों से सूर्य अलग-अलग दिखाई देता है, वैसे ही आत्मा भी एक ही है, लेकिन वह कई रूपों में हमें दिखाई देती है। कथा में संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। इस दौरान संजीव झांकिया भी सझाई गई। कथा में रतनगढ़, बीकानेर, रिड़ी, कालू सहित दर्जन भर गांवो से लोग पहुंचे।

कल होंगी पूर्णाहुति
सारस्वत परिवार के राधेश्याम सारस्वत ने बताया की पूर्णाहुति कार्यक्रम में प्रातः हवन होंगा। इस हवन में विभन्न जाप कर सुख, वैभव व समृद्धि की कामना होंगी। प्रकांड शास्त्रियों व विद्वानों द्वारा हवन करवाया जाएगा।

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