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47 किमी की सड़कें, 10 करोड़ की वित्तिय स्वीकृति… इनका धणी कौन…?

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…03 मई 2023। चुनावी साल चल रहा है और सरकार भी चुनावी मोड में काम भी कर रही है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपने अटके हुए काम और अपनी लागू की जानी योजनाओं को क्रियान्वित कर अमलीजामा पहना रही है, और क्षेत्र में भी अब श्रेय लेने और अपना नाम देने की होड़ मची हुई है

सरकारी योजनाओं को अपने नाम पर प्रसारित करने का काम जोर शोर से चल रहा है।आज राजस्थान सरकार की बजट घोषणा में पारित हुई 47 किलोमीटर की क्षेत्र की सड़कें जिनको आज वित्तीय स्वीकृति दी गई। उन सड़कों की स्वीकृति का श्रेय लेने की होड़ क्षेत्र में देखी जा रही है पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के कार्यालय से इन सड़कों की स्वीकृति बाबत प्रेस नोट जारी हुआ और अभी विधायक गिरधारी लाल महिया के कार्यालय से भी उन सड़कों की स्वीकृति का प्रेस नोट जारी हुआ है। 

चुनावी साल के दौरान इस रस्साकशी का अर्थ कई मायनो में अलग हो जाता है। विधायक गिरधारी लाल महिया जब पायलट खेमे के साथ हो गए थे तब मन बदलने के पश्चात इस अशोक गहलोत सरकार को बचाने के लिए संकटमोचक बनकर आए थे।  उसके बाद से विधायक गिरधारी लाल महिया की इस सरकार में प्रशासनिक गतिविधियां बढ़ गई थी और उनका राजनीतिक एवं प्रशासनिक हस्तक्षेप क्षेत्र के सभी महकमों में पूर्ण रूप से जारी था। अब जैसे ही चुनाव नजदीक आ रहे हैं,वैसे ही अब दोनों ही नेता क्षेत्र में अपनी अपनी जमीन को तलाश रहे हैं। जहां विधायक महिया अपने कामकाज और सरकार के संकटमोचक होने के नाते सरकार में अपनी पैठ बनाए हुए हैं वहीं पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते हैं।

इन दोनों की प्रतिस्पर्धा में आम नागरिक असमंजस है कि वास्तव में इस सरकार में इस विधानसभा का असली धणी कौन है…?

विधायक महिया द्वारा जारी प्रेस नोट…

श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गांवों में 10 करोड़ से बनेगी सड़कें

15 करोड़ से एम.डी.आर. सड़क की भी स्वीकृतियां जारी

सरकार की स्वीकृति के बाद श्रेय लेने की होड

श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न संपर्क मार्गों को डामर सड़कों से जोड़ने एवं कई क्षतिग्रस्त सड़कों की दशा सुधारने की दिशा में क्षेत्रीय विधायक गिरधारीलाल महिया की अनुशंसा पर 10 करोड़ की राशि से मिसिंग लिंक सड़कों और नॉन पेचेबल सड़कों के निर्माण की स्वीकृतियां राज्य सरकार द्वारा जारी कर दी गई है। इन सड़कों के निर्माण से क्षेत्र की कई सड़कों की दशाएं सुधर जाएगी और आमजन का आवागमन सुगम होगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विधायक गिरधारीलाल महिया ने बताया कि बजट घोषणा के मुताबिक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा पर 10 करोड़ की राशि से सड़कें स्वीकृत की जानी है। इस पर 10 करोड़ की राशि से मिसिंग लिंक सड़कों व नॉन पेचेबल सड़़कों के निर्माण की अनुशंसा भेजी गई थी। जिस पर राज्य सरकार ने सड़क निर्माण की स्वीकृतियां जारी कर दी है। विधायक ने बताया कि 1 करोड़ 12 लाख की लागत से लाखनसर से पाटमदेसर 3.5 किलोमीटर, 1 करोड़ 28 लाख की लागत से लालमदेसर बड़ा से साधासर तक 4 किलोमीटर, 1 करोड़ 90 लाख की लागत से बापेऊ से जाखासर तक 6 किलोमीटर, 1 करोड़ 60 लाख की लागत से राजेडू से रामदेवजी मंदिर जसरासर तक 5 किलोमीटर तक मिसिंग लिंक सड़कों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1 करोड़ 45 लाख की लागत से सूडसर से बादनूं तक 10 किलोमीटर, 29 लाख की लागत से सावंतसर से बादनूं तक 2 किलोमीटर, 1 करोड़ 45 लाख की लागत से सूडसर से बादनूं तक 10 किलोमीटर, 2 करोड़ 3 लाख की लागत से बादनूं से कुचौर आथूणी वाया कुचौर अगुणी तक 14 किलोमीटर, 33 लाख की लागत से एनएच 11 से बिग्गाजी मंदिर तक नॉन पेचेबल सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
वहीं, राजेडू से सोनियासर तक 15 किलोमीटर एमडीआर सड़क के निर्माण के लिए 15 करोड़ की वित्तीय व तकनीकी स्वीकृति भी राज्य सरकार ने जारी कर दी है। अब 15 किलोमीटर एमडीआर सड़क जुड़ने से लिखमीसर उत्तरादा से ईंयारा फांटा तक एमडीआर सड़क बनने से राह आसान हो जाएगी। विधायक महिया ने बताया कि जल्द से जल्द इन सड़कों की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करवा कर निर्माण कार्य करवाया जाएगा।

जनता फैसला करे कि अब उसका धणी कौन…?

जहां एक तरफ दोनों ही नेता इन सड़कों की वित्तीय स्वीकृति दिलाने के लिए श्रेय ले रहे हैं, वही गांव डेलवा और लाधड़िया संपर्क सड़क जो 20 गांव को जोड़ती है। जिनसे हजारों लोग लाभान्वित होंगे। उनके संघर्ष की अनदेखी की गई है। यह संघर्ष समिति पिछले काफी समय से इस 9 किलोमीटर की सड़क की स्वीकृति दिलाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इन्होंने गत माह श्री डूंगरगढ़ उपखंड कार्यालय के आगे इस बाबत एक दिवसीय धरना देकर ज्ञापन भी दिया था लेकिन श्री डूंगरगढ़ का प्रशासन और ये जनप्रतिनिधि तो जैसे इन ग्राम वासियों के लिए आंखें मूंद कर बैठे है।

यक्ष प्रश्न अभी भी वही है कि इस तहसील का धणी कौन….?

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