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बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा…बिक रहा है श्रीडूंगरगढ़, सिर्फ खरीददार चाहिए

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…7 अप्रेल 2023।राजस्थान सरकार ने नगरपालिकाओं को भ्रष्टाचार करने का ऐतिहासिक अवसर पट्टा बनाने के बहाने सौंपा है। श्रीडूंगरगढ़ में पट्टा प्रकरण चांदी कूटने का ऐसा साधन हो गया है। हर छुटभैया नेता नगरपालिका को शहद का छता समझकर उसी के इर्द गिर्द चक्कर लगाता रहता है।
अब आप बीड़ भूमि, सरकारी आरक्षित भूमि, कालोनियों की फैसीलिटी भूमि, कालोनियों की पार्क भूमि, स्वयं पालिका की दुकानों, रिफाया आम कुओं आदि किसी भी भूमि का पट्टा बनवा सकते हैं। इस गिद्ध भोज में यहां के नए पुराने, हारे जीते सभी नेता लगे हुए हैं। इन मक्कारों का कोई धर्म नहीं है। कोई पार्टी नहीं है। पट्टा प्रकरण में सब एक हैं। नगरपालिका बनने से लेकर अब तक के इतिहास में ऐसा भ्रष्ट दृश्य देखने में नहीं आया। कोई नियंत्रण नहीं। अफसर, बाबू जो जिसके हाथ लग जाये, बटोरने में लगा है। इस शहर की पत्रकारिता भी केवल सरकारी विज्ञप्तियों या बकवास समाचारों पर जिंदा है। पालिका ने गत दिनों ऐसे ऐसे पट्टे बना दिए, जिन्हें जानकर आप हैरत में पड़ सकते हैं। बेसकीमती पांच हजार बीघा बीड़ जो गाएं चराने के लिए था, कब्जों की भेंट चढ गया। चढता ही जा रहा है। तहसील और एसडीएम प्रशासन को तो इससे जैसे कोई मतलब ही नहीं है कि कोई कहां कब्जा कर पट्टा बनवा रहा है।
पट्टे बनाने के लिए ऐसे अखबार में आपति की सूचना दी जाती है, जिसका शहर में सर्कुलेशन नहीं होता। चुपके से यह प्रक्रिया पूरी करली जाती है। एमएलए का चुनाव लड़ने की तैयारी वाले नेता अपने चुनाव पर फोकस किए हुए हैं। उन्हें उपरोक्त बातों से क्या लेना-देना। गत दिनों नगरपालिका ने अपनी ही दुकानों के पट्टे दूसरे लोगों के नाम कर ऐसा शर्मनाक कारनामा कर दिखाया है। जैसे कोई बेटा अपनी ही मां के हांचल काटकर ले जाए, यह कुछ वैसी ही हरकत है। घूमचक्कर के निकट का पट्टा प्रकरण सबको पता ही है। बीड़ भूमि पर बनाए मकान का नियमानुसार किसी भी दशा में पट्टा नहीं बन सकता। जिसका पट्टा बन गया, वह बीड़ भूमि नहीं रही और उसी के चिपती भूमि के कब्जाधारी ने पैसे नहीं दिए तो बीड़ भूमि है।
संभागीय आयुक्त हाइवे के कब्जों पर तो कार्यवाही कर रहे हैं, पर इस पट्टा प्रकरण की सघन जांच में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

 

 

डॉ. चेतन स्वामी

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