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गौरी ए गणगौरी माता,खोल किवाड़ी.. बाहर उबी थारी पुजनवाली | पूजो ए पूजाओ बाई , काई – काई मांगों .. अन्न मांगों , धन मांगों , लाछ मांगों , लछमी || के गीतों के साथ शुरू हुआ गणगौर पूजन

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श्रीडूंगरगढ़ लाइव…7 मार्च 2023।श्रीडूंगरगढ़ कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में आज से गणगौर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने लगा है। गणगौर के गीतों के स्वर कस्बे की प्रत्येक गली में सुबह होते ही सुनाई देना शुरू हो गया है। होलिका दहन के दूसरे दिन मंगलवार से शुरू हुई गणगौर पूजा लगातार 16 दिन चलेगी।

श्रीडूंगरगढ़ कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्योदय के साथ ही कुंवारी कन्याएं, युवतियां और सुहागिन महिलाएं हरियाली वाले स्थानों में पहुंचती हैं। जहां वे दूर्वा एवं फुलड़ा तोड़ने की रस्म की अदायगी करती हुई सामूहिक गणगौर के मंगल गीत गाते हुए एक तय स्थान पर एकत्रित होकर गणगौर की पूजा अर्चना करती है, वो पुष्प, दूब के साथ मिट्टी से बनाई पिंडलियों की पूजा अर्चना करते हुए परिवार में खुशहाली और अच्छे वर की कामना करते हुए गणगौर माता से आशीर्वाद की प्रार्थना करती है।

गणगौर पूजा का महत्व

अखंड सौभाग्य के लिए मनाया जाने वाला गणगौर पर्व मनाने के लिए कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं घर-घर में गणगौर यानी  माँ पार्वती की पूजा करती हैं। इसमें ईसर और गौर यानी शिव-पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर सोलह शृंगार से सजाया जाता है। यह पूजा 16 दिन तक लगातार चलती है।

ऐसे होती है पूजा

गणगौर पूजन के लिए कुंवारी कन्याएं और सुहागिन स्त्रियां सुबह पारंपरिक वस्त्र और आभूषण पहन कर सिर पर लोटा लेकर बाग- बगीचों में जातीं हैं। वहीं से ताजा जल लोटों में भरकर उसमें हरी- हरी दूब और फूल सजाकर सिर पर रखकर गणगौर के गीत गाती हुईं घर आती हैं। इसके बाद मिट्टी से बने शिव स्वरूप ईसर और पार्वती स्वरूप गौर की प्रतिमा और होली की राख से बनी 8 पिंडियों को दूब पर एक टोकरी में स्थापित करती हैं।

16 दिन, 16 छींटे और 16 श्रृंगार शिव गौरी को सुंदर वस्त्र पहनाकर संपूर्ण सुहाग की वस्तुएं अर्पित करके चन्दन, अक्षत, धूप, दीप, दूब घास और पुष्प से उनकी पूजा- अर्चना की जाती है। पूरे 16 दिन तक दीवार पर सोलह-सोलह बिंदियां रोली, मेहंदी, हल्दी और काजल की लगाई जाती हैं दूब से , पानी के 16 बार छींटे 16 शृंगार के प्रतीकों पर लगाए जाते हैं। गणगौर (गौर तृतीया) को व्रत रखकर कथा सुनकर पूजा पूर्ण होती है।

 

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