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लो इम्यूनिटी, डायबिटीज के मरीजों को ब्लैक फंगस का अधिक खतरा, जानें बचने का उपाय

श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज 21 मई 2021।

ब्लैक फंगस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। इस रोग के कारण 54 प्रतिशत लोगों को जान तक चली जाती हैं। ब्लैक फंगस के लक्षण आते ही इलाज मिला तो आपकी जान बच सकती हैं। लेकिन समय पर इलाज नहीं मिला तो आंख तक निकालनी पड़ सकती हैं या फिर जान जा सकती हैं।

ब्लैक फंगस का खतरा खासतौर पर किडनी, कैंसर, लो इम्यूनिटी, डायबिटीज, आईसीयू, अधिक स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों तो अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात पाने के लिए समय पर इलाज के साथ योग और प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए।

क्या है ब्लैक फंगस? 

म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है। नाक-मुंह के जरिए साइनस में प्रवेश करता है। जिसके बाद यह आंख और दिमाग में प्रवेश कर जाता है।

ब्लैक फंगस में कारगर योगासन

जलनेति
यह जल द्वारा किया जाने वाली एक क्रिया है। इससे नैजल ट्रैक की सफाई ठीक ढंग से हो जाती है। इस जल में आप चाहे तो थोड़ा सा सेंधा नमक भी डाल सकते है। इसके लिए एक तरफ से नाक के होल में पानी डाला जाता है वह दूसरी तरह के होल  से आसानी से निकल आता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि इस क्रिया को करने के लिए खास पात्र की आवश्यकता होती है।  इस क्रिया को करते समय गर्दन को तिरछी रखकर मुंह से सांस लेना है। कभी भी इस क्रिया को करते समय नाक से सांस न लें। ऐसा करने से पानी दिमाग में चल जाएगा।

सूत्रनेति
इस क्रिया के द्वारा शरीर का शुद्धिकरण होता है। इस क्रिया के लिए पहले धागे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब यह आसानी से मेडिकल स्टोर में मिल जाता है। इस क्रिया में पहले इस सूत्र नेति को पानी से साफ करके नाक से धीरे-धीरे डाला जाता है जिसे मुंह से निकाला जाता है। मिर्गी के दौरे या अधिक चक्कर आते है तो सूत्र नेति को करने से बचें।

स्टीम लेना
पानी में दिव्य तेल डालकर स्टीम लेने से भी आपको लाभ मिलेगा।

नस्य क्रिया
नाक में तेल डाल लें। इसमें आप सरसों, अण तेल या फिर क्षणबिंदु तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

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