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फेफड़ों में पड़ गए हैं सफेद धब्बे तो अपनाएं ये नैचुरल उपाय, शरीर में बढ़ेगा ऑक्सीजन लेवल

श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज 20 मई 2021।

कोरोना वायरस से रिकवर होने के बावजूद कई साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं। यह वायरस गले, नाक से ज्यादा आपके फेफड़ों में अटैक कर रहे हैं। जिसके कारण मरीज को निमोनिया के बड़े-बड़े पैचेस यानी धब्बे पड़ रहे है। कोरोना कई गुना तेजी से फेफड़ों के डैमेज कर देता है। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 4-5 दिन बाद सीटी स्कैन करना पर फेफड़ों में धब्बे दिखना शुरू हो जाते हैं। कई बार पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर सांस लेने में भी दिक्कत हो जाती है। जिसका समय पर इलजा ना मिलने पर मरीज की मौत तक हो जाती है। जिन मरीजों के लंग्स पर ज्यादा इंफेक्शन हुआ है उन्हें सांस लेने मं ज्यादा दिक्कत आई है। ऐसे में मरीजों के हार्ट और ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ता है।

फेफड़ों में सफेद  दाग पड़ जाने की समस्या को नैचुरल तरीके से भी सही किया जा सकता है।

भस्त्रिका प्राणायाम
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें।  तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।

अनुलोम विलोम
सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें।  इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।  अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें।

कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें।  अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें।  इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें।

 

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