श्रीडूंगरगढ़ लाइव 01 अगस्त 2023।दूषित पानी से होने वाली बीमारियां बहुत ही खतरनाक होती हैं। अकेले भारत में रोजाना 3000 से ज्यादा लोग दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं जिसमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि सभी जनजनित बीमारियों के 88% की वजह खराब स्वच्छता साफ-सफाई और असुरक्षित पानी की आपूर्ति है तो इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
प्रदूषित पानी से फैलने वाले रोगजनक बैक्टीरिया जलजनित बीमारियों का स्रोत हैं। ये बीमारियां किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन बच्चे उनके प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं। जलजनित बीमारियाँ बच्चों के हेल्थ और वेल बीइंग के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सीमित है। डायरिया, हैजा, टाइफाइड बुखार और हेपेटाइटिस ए जैसी बीमारियाँ प्रदूषित पानी स्रोतों के माध्यम से तेजी से फैल सकती हैं, जिससे गंभीर निर्जलीकरण, कुपोषण और यहां तक कि छोटे बच्चों में मृत्यु भी हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अकेले डायरिया के कारण सालाना लगभग 1.4 मिलियन बच्चों की मृत्यु होती है, जिससे यह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन जाता है। निम्नलिखित कदम उठाकर जलजनित बीमारियों को फैलने से रोका जा सकता है।
सुरक्षित पेयजल
जलजनित बीमारियों की रोकथाम स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच सुनिश्चित करने से शुरू होती है। केवल फ़िल्टर्ड या उबला हुआ पानी पिएं। इन्फेक्शन को रोकने के लिए पानी के जार या कंटेनर्स को रोजाना धोना चाहिए। दुर्भाग्य से, दुनिया भर में लाखों बच्चों अभी भी बेहतर जल स्रोतों से वंचित है, जिससे वे रोकथाम योग्य बीमारियों के प्रति संवेदनशील हैं। इसके अतिरिक्त, संभावित जोखिम की पहचान करने के लिए पानी की गुणवत्ता की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है।
शिक्षित करना
शिक्षा पानी की वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माता-पिता और देखभाल करने वालों को पीने, खाना पकाने और व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए सुरक्षित पानी के उपयोग के महत्व के बारे में समझाना आवश्यक है। सही तरीके से हाथ धोना, भोजन करने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद, हाथों के जरिए फैलने वाले इन्फेक्शन को कम करने में काफी मदद कर सकता है। स्वास्थ्य संगठनों को, स्कूलों और समुदाय के नेताओं के साथ, कम उम्र से ही हेल्थ कितना जरूरी है ये बताना चाहिए।
टीकाकरण
कुछ जलजनित बीमारियों को रोकने में टीकाकरण एक शक्तिशाली उपकरण है। यह सुनिश्चित करना कि बच्चों को समय पर टीकाकरण मिले, इससे न केवल उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा होती है, बल्कि टीकाकण जो उन लोगों की भी रक्षा करता है जो किसी दूसरी बीमारियों की वजह से वैक्सीन लगवाने के योग्य नहीं।
साफ-सफाई
स्वच्छता और साफ-सफाई जलजनित रोग की रोकथाम की आधारशिला हैं। जल प्रदूषण को रोकने के लिए मानव अपशिष्ट का उचित निपटान, पानी का सुरक्षित भंडारण और पानी के कंटेनरों की नियमित सफाई आवश्यक हैं। सरकारों और संगठनों को समुदायों को बेहतर स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने, अच्छी स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए जो बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करती हैं और जलजनित बीमारियों के खतरे को कम करती हैं।
पहचान और उपचार
जलजनित बीमारियों की समय पर पहचान और प्रबंधन उसकी जटिलताओं को रोकने और पूर्ण स्वस्थ होने को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। हेल्थ एक्सपर्ट्स को इन बीमारियों के लक्षणों और संकेतों की पहचान में सतर्क रहना चाहिए, खासकर छोटे बच्चों में जिन्हें अपनी परेशानी बताने में कठिनाई हो सकती है। लक्षणों की पहचान कर तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए। जिससे स्थिति को गंभीर होने स रोका जा सकता है।
बच्चों में जलजनित बीमारियों से सुरक्षा और रोकथाम हम सबकी जिम्मेदारी है। तो इसे गंभीरता से लें।
(डॉ. सरथ गोपालन, वरिष्ठ सलाहकार, पेडियेट्रिक गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट और हेपटोलॉजिस्ट, मधुकर रेनबो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल से बातचीत पर आधारित)










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