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शिक्षकों ने उठाई आवाज, बन्द हो महिलाओं पर अत्याचार, शिक्षक बोले हमारा काम पढ़ाना ना कि वोट चढ़ाना

श्रीडूंगरगढ़ लाइव 26 जुलाई 2023। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने कल मंगलवार को उपखण्ड कार्यालय में तहसीलदार राजवीर कड़वासरा को भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देते हुए बताया कि शिक्षक संघ ने सभी कर्मचारी संगठन की अगुवाई करते हुए भारत के पूर्वी प्रान्त मणिपुर में जारी हिंसा और महिलाओं के प्रति हो रहे जघन्य अपराधों की जांच सर्वोच्च न्यायालय की कमेटी द्वारा हो और राज्य की सरकार को बर्खास्त किया जाए। संघ के शिक्षक नेता सोहन गोदारा ने कहा कि सत्ता में जब जब धृतराष्ट्र काबिज होंगे, तब तब द्रोपदी का चीरहरण होता रहेगा। सम्पूर्ण देश मे ही आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की खबरे सुर्खियों में रहती है और महिलाओं को सुरक्षा के नाम पर कुछ भी हासिल नही है। अपनी इज्जत बचाने के लिए जंतर मंतर पर बेठी बेटीयों को घसीटा जा रहा है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सरीखे शिक्षा मंदिरों में दिन दहाड़े बेटी को दरिंदो द्वारा नोचा जा रहा है।सरकार आंख बंद किये बैठी है।

संघ के सभा अध्यक्ष बालाराम मेघवाल ने बताया कि राज्य सरकार व शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर सभी उपखण्ड अधिकारी व जिला कलेक्टर को पाबन्द किया है कि किसी भी शिक्षक को अपने कार्यालय में न‌ लगाया जावे पर उपखंड अधिकारी अपनी करनी से बाज नही आ रहे हैं। लंबे समय से शिक्षकों को उपखण्ड कार्यालयों में बैठाया हुआ है। उनसे शिक्षा के अतिरिक्त कार्य करवाये जा रहे है। शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। तहसील अध्यक्ष हरिराम सहू ने कहा कि 70 से ज्यादा शिक्षकों को उपखंड अधिकारी श्री डूंगरगढ द्वारा नोटिस दिया गया है, जिनका जबाब संगठन के लेटरपेड पर एक लाइन में ही दे दिया गया है। हर कार्रवाई का संगठन माकुल‌ जबाब देगा ल। हमारा काम बच्चों को पढा़ने का है ना कि घर घर घुमकर वोट चढ़ाना व‌ काटना। शिक्षकों ने एकस्वर में इसका विरोध किया।

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