श्रीडूंगरगढ़ लाइव 27 जून 2023। बीजों में वो सारे पोषक तत्व होते हैं जो एक पौधे को बढ़ाने के लिए जरूरी हैं। इसलिए बीज का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। बीजों में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। इसके अलावा हेल्दी फैट, वेज प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। अगर आप बीजों को अपने आहार में रोज़ शामिल करेंगे तो कुछ बीमारियों जैसे रक्तचाप, रक्त शर्करा आदि से बच सकते हैं।
अलसी के बीज…

अलसी में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से अल्फा- ‘लिनोलेनिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। आंतों की समस्या से पीड़ित लोग अलसी के सेवन से बचें। सेवन की मात्रा- एक दिन में 1-2 बड़े चम्मच अलसी का सेवन करना चाहिए। सेवन का तरीक़ा- अलसी को पीसकर पाउडर बना लें और पानी या स्मूदी में मिला लें। सलाद में अलसी का तेल छिड़ककर खाएं। गर्म या ठंडे सलाद में अलसी के बीज मिलाकर खा सकते हैं। दही में भी मिलाकर खा सकते हैं।
चिया के बीज…

इसमें फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। चिया सीड्स में मौजूद फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसे खाने से पेट भरा हुआ लगता है इसलिए वजन कम करने में भी ये कारगर है। ब्लड शुगर नहीं बढ़ेगा। पाचन संबंधी दुष्प्रभाव हो सकता है इसलिए इसके सेवन के बाद खूब पानी पिएं। एंटीप्लेटलेट्स, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटी- कैंसर, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड जैसी दवाइयां ले रहे हैं तो चिया बीज न खाएं। सेवन की मात्रा – दिन में 20 ग्राम या लगभग 1
1/5 बड़े चम्मच दो बार खाना चाहिए। सेवन का तरीका- चिया बीज साबुत या पीसकर स्मूदी और जूस में मिलाकर खाएं। दही में मिलाकर या सलाद के ऊपर छिड़कर खाएं
कद्दू के बीज …

इनमें फॉस्फोरस, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और ओमेगा-6 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। यूरिन इंफेक्शन और मेनोपॉज के लक्षणों में सुधार लाता है।
सेवन की मात्रा- रोज 15 ग्राम कद्दू के बीज खा सकते हैं। अधिक सेवन से पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
सेवन का तरीका- कद्दू के बीजों को सलाद में छिड़ककर स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं।
हेम्प सीड्स-

हेम्प सीड्स को भांग बीज भी कहा जाता है। कई बीमारियों में इसे नेचुरल एंटीडोट माना जाता है। ये अंदरूनी घावों को तेजी से भरता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर होती है उन लोगों को हर दिन हेम्प सीड्स खाना चाहिए। इस छोटे से हेम्प में प्रोटीन, ऑयल और 20 से अधिक अमीनो एसिड पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले जरूरी फैटी एसिड दिल की बीमारियों से दूर रखते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने का काम करते हैं।
सेसमी सीड्स-

सेसमी सीड्स यानी तिल के बीज का इस्तेमाल कई तरह के भारतीय खानों में किया जाता है। ये सफेद-काले बीज पोटैशियम, हार्मोन को नियंत्रित रखने वाले मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर होते हैं। इसमें कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है इसलिए इसे वेट लॉस में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए आयुर्वेद में इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है।
सनफ्लावर सीड्स-

सनफ्लावर सीड्स में 100 विभिन्न प्रकार के एंजाइम होते हैं जो हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करते हैं। इसमें मौजूद एंजाइम बॉडी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को संतुलित तरीके से बनाते हैं जिससे पीरियड्स की दिक्कतों और थायराइड में आराम मिलता है। सनफ्लावर सीड्स प्रेग्नेंसी में होने वाली थकान को भी दूर करते हैं।










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