श्रीडूंगरगढ़ लाइव 14 जनवरी 2023। रक्तदान जीवन का सहायक है, हर एक रक्तदाता नायक है।
आज के दिन “विश्व स्वास्थ्य संगठन” द्वारा हर साल 14 जून को ‘विश्व रक्तदाता दिवस’ मनाया जाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में रक्तदान के महत्व को समझने के साथ ही रक्तदान करने के लिए आम इंसान को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।
इंसान की सम्पत्ति का कोई मतलब नहीं अगर उसे बांटा और उपयोग में नहीं लाया जाए, चाहे वे शरीर का रक्त ही क्यों न हो । किसी व्यक्ति की रक्त अल्पता के कारण मृत्यु न हो, इस दृष्टि से रक्तदान एक महान् दान है, जो किसी को जीवन दान देने के साथ हमें मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। रक्तदाता कोई भी हो सकता है, किसी के द्वारा दिए गए रक्त से किसी को नया जीवन मिल सकता है, उसकी जिन्दगी में बहार आ जाती है।
जो व्यक्ति को एक नई जिंदगी और उनके परिवार के चेहरे पर एक प्राकृतिक मुस्कुराहट देती है। इसी उद्देश्य से हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
दरअसल विश्व रक्तदाता दिवस, शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुके वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरी विश्व में मनाया जाता है, उनका जन्म 14 जून 1868 था। उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर रक्तकणों का ए, बी और ओ समूह की पहचान की थी। रक्त के इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी खोज के लिए महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन को साल 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था।
भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बावजूद रक्तदान में काफी पीछे है। रक्त की कमी को खत्म करने के लिए विश्व भर में रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन उपलब्ध 75 लाख यूनिट ही हो पाता है। यानी करीब 25 लाख यूनिट रक्त के अभाव में हर साल हजारों मरीज दम तोड़ देते हैं। यह अकारण नहीं कि भारत की आबादी भले ही डेढ़ अरब पहुंच गई हो, रक्तदाताओं का आंकड़ा कुल आबादी एक प्रतिशत भी नहीं पहुंच पाया है। वहीं दुनिया में रक्तदान को लेकर विभिन्न भ्रांतियां समाज में परिव्यपाप्त है। रक्त की महिमा सभी जानते हैं। भारत में अभी भी बहुत से लोग यह समझते हैं कि रक्तदान से शरीर कमजोर हो जाता है और उस रक्त की भरपाई होने में महीनों लग जाते हैं। इतना ही नहीं यह गलत फहमी भी व्याप्त है कि नियमित रक्त देने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और उसे बीमारियां जल्दी जकड़ लेती हैं। इसलिए लोग रक्तदान का नाम सुनकर ही सिहर उठते हैं। हाल फिलहाल समय मे हमारे देश और इलाके में रक्तदान को लेकर भ्रांतियां कम हुई हैं पर अब भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। रक्तदान करते हुए डोनर के शरीर से केवल 1 यूनिट रक्त ही लिया जाता है। एक बार रक्तदान से आप 3 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं। ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को आमतौर पर इसमें कोई तकलीफ नहीं होती हैं।
यहां ये कहना भी बहुत जरूरी होता है कि रक्तदान के क्षेत्र में हमारे प्रदेश राजस्थान अभी बहुत आगे है और इसमे भी बीकानेर जिला, और जिले ही नही वरन बीकानेर संभाग में श्रीडूंगरगढ़ का नाम प्रथम स्थान पर आता है। यहां सालाना 2 हजार से 3 हजार यूनिट रक्तदान होता है जिससे हजारों जिंदगियां बच जाती है। क्षेत्र के अनेक समाजसेवी संस्थाएं समेत अनेक महानुभावों की पुण्यतिथि एवं जयन्ती पर शिविर लगते है।
क्षेत्र के अनेक युवा हर समय एक फोन मात्र पर अपना रक्तदान करने को तैयार रहते है।
इसीलिए आज के दिन हम सबके लिए ये दिन महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस दिन आप किसी जरूरतमंद के लिए अपना रक्तदान करे, ओर अन्य लोगो को भी जागरूक करें।
धन्यवाद
विमल भाटी










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