Shri Dungargarah Live

Hindi News POrtal

वन माफियों पर नकेल कसना शुरू किया प्रशासन ने, वनप्रेमियो के साथ भास्कर और श्रीडूंगरगढ़ लाइव का भी प्रशासन ने जताया आभार, वनप्रेमियों में सख्त कार्यवाही को लेकर उठ रही आवाज

श्रीडूंगरगढ़ लाइव 05 जून 2023। अब तक नहीं बुझी है भट्टियां, जल रहे है कोयले… पर खामोश है जनप्रतिनिधियों की जुबान…

श्रीडूंगरगढ़ के वनप्रेमियो गणेश और आनन्द जोशी की सक्रियता, श्रीडूंगरगढ़ लाइव और साथी संवाददाता राजू हीरावत दैनिक भास्कर द्वारा वनमाफ़ियों और वन विभाग के कार्मिकों की मिलीभगत के खिलाफ उठाये गए कदम के बाद जिला स्तरीय प्रशासन द्वारा “कोयला कांड” को गंभीरता से लिया गया है। एक ओर जहां भास्कर की सूचना पर वन विभाग की टीम द्वारा आरोपी श्रमिक महेंद्र नाथ को गिरफ्तार किया गया जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं श्रीडूंगरगढ़ लाइव की निशानदेही पर स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और   मौके से सैकड़ों क्विन्टल लकड़ियां बरामद करने के बाद रविवार सुबह से ही उन्हें ट्रेक्टर द्वारा रेंज कार्यालय में ले जाया जाने लगा। कितनी हरियाली मिटाई गयी है और काटे गए पेड़ों का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सुबह से ही ट्रैक्टरों और जेसीबी द्वारा शाम तक लकड़ियों को ढोया गया है। मौके पर वन विभाग ने अपने कार्मिकों को भी नियुक्त किया है जो कल तक कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ था। रेंजर जितेंद्र सिंह ने बताया कि घटनास्थल से एक जनरेटर और एक कटर मशीन भी जब्त की गई है जबकि वहाँ पर जेसीबी और ट्रेक्टर मय ट्रॉली भी थे। इसके साथ ही वनपाल हरिकिशन के खिलाफ लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी करके सिर्फ खानापूर्ति की गई है।

जिलाधिकारियों के आदेश पर तहसीलदार और पटवारी ने भी किया मौका मुआवना
जिलाधिकारियों के निर्देश पर श्रीडूंगरगढ़ लाइव की निशानदेही से तहसीलदार चौधरी राजवीर कड़वासरा ने भी वन विभाग के घटनास्थल का मौका मुआयना किया। उस दौरान उपस्थित वनविभाग के कार्मिकों को बरती गई घोर लापरवाही के लिए लताड़ पिलाई और श्रीडूंगरगढ़ लाइव और भास्कर संवाददाता राजू हीरावत का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि अवैध कार्य की प्रशासन को सूचना देकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इस दौरान शहर पटवारी शंकरलाल जाखड़ भी साथ मौजूद रहे।

ये दिया गया कुतर्क, जबकि अवैध थी कारस्तानी
भास्कर और श्रीडूंगरगढ़ लाइव द्वारा प्रमुखता के साथ वनविभाग की नाक के नीचे चल रहे काले व्यापार को प्रकाशित किया गया। इसके बाद कुछ कार्मिकों ने इसे कोई बड़ी घटना नहीं होना बताया। बल्कि नियम यह होता है कि वन विभाग के पेड़ों को बिना अनुमति काटे जाना अपराध की श्रेणी में आता है और उन्हें बेचने के लिए बोली लगती है। जबकि यहां तो पेड़ भी काटे गए, जलाए भी गए और उन्हें कोयला बनाकर बेचा भी गया।सबसे बड़ी बात कि पकड़े गए आरोपी खुलेआम वीडियो में इन वन विभाग कर्मियों की मिलीभगत का इशारा कर रहे है और इनके नाम भी बता रहे है।ऐसा लग रहा है कि विभाग अपने कर्मचारियों को बचाने में लगा हुआ है।

देखे वीडियो…

 

error: Content is protected !!