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लेखक में आलोचक और व्याख्याकार के गुण होने चाहिये…. डॉ. चेतन स्वामी

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…25 मई 2023। नवलेखन के रास्ते पर अग्रसर युवा लेखकों को आज प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति का अवलोकन कराया गया। उन्होंने वृहद् पुस्तकालय सहित सुव्यवस्थित संस्था को देखकर हर्ष व्यक्त किया। संभागी प्रशिक्षु नव लेखकों ने आज पाठ वाचन किया। कार्यशाला में पूर्व वाणिज्य अधिकारी सत्यनारायण योगी ने कहा कि लेखन से पहले अपने जीवन में परिवर्तन आता है, और फिर उसका लेखन दूसरों को उत्प्रेरित करने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि लेखनी थामनेवाले व्यक्ति को पढ़ने से कभी भी जी नहीं चुराना चाहिए।


राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के सभागार में सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि भाषा लेखक की सबसे बड़ी पूंजी होती है। जब कोई लेखक समृद्ध होता है तो प्रकारांतर में उसकी भाषा समृद्ध होती है। पुस्तक, पुस्तकालय और पुस्तक रचयिता के प्रगाढ़ सम्बन्ध से ज्ञान का आलोक आगे बढता है। प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक साहित्यकार डाॅ चेतन स्वामी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि एक लेखक अपने क्षेत्र का हरफनमौला होना चाहिए। वह बोलने और लिखने दोनों में निष्णात होना चाहिए, साथ ही उसमें एक व्याख्याकार और आलोचक के भी गुण हो। भले ही एक लेखक की एक या दो विधा विशेष में रुचि हो, पर साहित्य जगत की तमाम हलचलों और विमर्शों से उसका परिचय अवश्य रहना चाहिए। लेखक की अपने युग से संपृक्ति जरूरी है।
सभी उपस्थित लेखक कल अपनी मौलिक रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे।

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