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लीगल एडवाइज :लोक अदालत क्या हैं और क्या है लोक अदालतों के कार्य

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…26 अप्रेल 2023।श्रीडूंगरगढ़ लाइव सटीक खबरों के साथ सामाजिक, ऐतिहासिक, स्वास्थ्यपरक कॉलम भी पाठकों के लिए प्रतिदिन प्रकाशित करता है। अब अपने पाठकों के लिए श्रीडूंगरगढ़ लाइव पोर्टल लेकर आया है “लीगल एडवाइज” यानि विधिक सलाह। युवा एडवोकेट सोहन नाथ सिद्ध आपको बताएंगे आपके अधिकारों के बारे में और आपको मिलेगी कानूनी सलाह।

लोक अदालत

सुप्रीम कोर्ट की मानें तो लोक अदालत हिंदुस्तान में पुरानी सभ्यता की ही न्याय व्यवस्था का एक स्वरूप है जिसकी वैधानिकता आधुनिक युग में भी मिलती है ।
लोक अदालत की कार्य पद्धति-

लोक अदालत के माध्यम से विवादित मामले को उभय (दोनों )पक्षों द्वारा बातचीत करके आपसी समझौता पर बल देकर विवाद को खत्म किए जाने का प्रयास किया जा सकता है ।”

लोक अदालत के समक्ष आने वाले मामले –
Cr P C की धारा 320 के अनुसार वैसे मामले जो गंभीर अपराध की श्रेणी में न आते हो उन्हें लोक अदालत में सुना जा सकता –

1- भूमि का अधिग्रहण संबंधी मामले तथा

2- विवाह संबंधी या पारिवारिक विवाद,

3- पेंशन

4- कर्मचारी की नुकसान क्षतिपूर्ति के मामले

5- श्रम तथा श्रमिक संबंधी विवाद,

6- उपभोक्ता शिकायत के मामले

7- बैंक के धन की वसूली के मामले

8- बिजली बिल, पानी बिल , टेलीफोन बिल के मामले

9- मकान कर आवास विवाद इत्यादि ।

11- गाड़ी (वाहन) चलाना के मामले

लोक अदालत के भिन्न भिन्न दो स्वरूप हैं –
A- स्थाई लोक अदालत

B- अस्थायी लोक अदालत

स्थाई लोक अदालत का आशय यह है कि आप अपने मामले को न्यायालय न ले जाकर सीधा लोक अदालत में प्रस्तुत कर सकते हैं। और

अस्थायी लोक अदालत उन मामलों को सुनती है जो न्ययालय में पहले से चल रहे हो और न्ययालय की अनुमति से लोक अदालत में आएं हों

अस्थाई लोक अदालत को किसी प्रकार की कोई सीमा नही दी गयी है अर्थात अस्थाई लोक अदालत किसी भी मालियत के के मुकदमे सुन सकती है ।

स्थाई लोक अदालत मामले को सुलह समझौते से हल करती है और निर्णय देती है। जबकि

अस्थाई लोक अदालत में अगर सुलह समझौता न हुवा और कोई निर्णय न निकल या निकल तो आपको कोर्ट जाने का रास्ता खुला रहता है ।

लोक अदालत की शक्तियां
लोक अदालत को C.P.C के अंतर्गत दीवानी न्यायालय के समकक्ष अधिकार प्राप्त है

1- कीसी गवाह को सम्मन भेज सकती है उनका परीक्षण कर सकती है

2- किसी दस्तावेज को प्राप्त या प्रसारित कर सकती है

3- किसी अदालत से या कार्यालय से दस्तावेज़ माँग सकते है

4- ऐसी सभी शक्तियां जो सिविल न्यायालय को प्राप्त होती है

5 लोक अदालत में होने वाली कार्यवाही को I.P.C के तहत निर्धारित नियमों की कार्यवाही माना जाएगा1j

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