
रक्षाबंधन विशेष
👉रक्षाबंधन पर भद्रा समय का त्याज्य करना चाहिए, इस बार 2 अगस्त को रात में भद्रा नक्षत्र शुरू होगी जो 3 अगस्त को सोमवार के दिन पूर्णिमा तिथि पर सुबह 9.28 बजे तक रहेगी…
👉इस काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना शुभ नहीं माना गया है, चूंकि इस बार *भद्रा पाताल लोक में है,* इसलिए इसका असर नहीं पड़ेगा, फिर भी भद्रा काल का त्याज्य करके दिन भर शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं…
👉 *रक्षाबंधन 3 अगस्त को है गुरु और शनि अपनी-अपनी राशि में रहेंगे वक्री*….
👉सोमवार 3 अगस्त को सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है, इसी तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है, इस बार सुबह 9:28 बजे तक भद्रा रहेगी, भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए
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👉 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं, 3 तारीख को सुबह 7.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा, पूर्णिमा पर पूजन के बाद अपने गुरु का आशीर्वाद भी अवश्य लें, रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगे, इस दिन चंद्र ग्रह भी शनि के साथ मकर राशि में रहेगा, इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है…
👉रक्षाबंधन पर सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए, स्नान के बाद देवी-देवताओं की पूजा करें, पितरों के लिए धूप-ध्यान करें, इन शुभ कामों के बाद पीले रेशमी वस्त्र में सरसों, केसर, चंदन, चावल, दूर्वा और अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना या चांदी रख लें और धागा बांधकर रक्षासूत्र बना लें…
👉 इसके बाद घर के मंदिर में एक कलश की स्थापना करें, उस पर रक्षासूत्र को रखें, विधिवत पूजन करें, पूजा में हार-फूल चढ़ाएं, वस्त्र अर्पित करें, भोग लगाएं, दीपक जलाकर आरती करें, पूजन के बाद ये रक्षासूत्र को दाहिने हाथ की कलाई पर बंधवा लेना चाहिए….
सबसे उत्तम मुहूर्त
👉दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है. इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है…… 🙏











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