Shri Dungargarah Live

Hindi News POrtal

स्कूली शिक्षा में 10+2 खत्म, 5+3+3+4 की नई व्यवस्था होगी लागू

पीएम नरेंद्र मोदी  की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है. इसके मुताबिक कम से कम पांचवीं कक्षा तक और अगर उससे आगे भी मुमकिन होगा तो आठवीं तक स्थानीय भाषा या मातृभाषा में पढ़ना होगा. यानी कि हिंदी, अंग्रेजी जैसे विषय भाषा के पाठ्यक्रम के तौर पर तो होंगे, लेकिन बाकी पाठ्यक्रम स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होंगे.

अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. यानी कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा. बारहवी में बोर्ड की परीक्षा होगी, लेकिन उसमें भी कुछ बदलाव होंगे. छात्र अपनी मर्जी और स्वेच्छा के आधार पर विषय का चयन कर सकेंगे. अगर कोई छात्र विज्ञान के साथ संगीत भी पढ़ना चाहे, तो उसके ये विकल्प होगा. दसवीं की परीक्षा और उसके स्वरूप को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है.

छठी से शुरू होंगे वोकेशनल पाठ्यक्रम

वोकेशनल पाठ्यक्रम कक्षा छठी से शुरू हो जाएंगे. बोर्ड परीक्षा को ज्ञान आधारित बनाया जाएगा और उसमें रटकर याद करने की आदतों को कम से कम किया जाएगा. बच्चा जब स्कूल से निकलेगा, तो ये तय किया जाएगा कि वो कोई न कोई स्किल लेकर बाहर निकले.

रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में भूमिका निभाएंगे बच्चे

बच्चे स्कूली शिक्षा के दौरान अपनी रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में भी भूमिका निभाएंगे. अब तक रिपोर्ट कार्ड केवल अध्यापक लिखते थे,  लेकिन नई शिक्षा नीति में तीन हिस्से होंगे. पहला बच्चा अपने बारे में स्वयं मूल्यांकन करेगा, दूसरा उसके सहपाठियों से होगा और तीसरा अध्यापक के जरिए. उच्च शिक्षा में भी छात्रों के पास विकल्प रहेगा. स्नातक चार साल और तीन साल दोनों विकल्प रहेंगे. अगर छात्र चार साल का स्नातक लेता है, तो उसे पीजी में एक साल ही लगेगा. साथ ही अगर कोई छात्र अपने कोर्स के दौरान किसी वजह से पढ़ाई छोड़ देता है, तो फिर एक तय समय के बाद उसे अपनी पढ़ाई वहीं से दोबारा जारी करने की भी आजादी रहेगी.

error: Content is protected !!