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सोशल मीडिया का जुनून पड़ा जिंदगी पर भारी, चार युवकों की जोहड़ में डूबने से हुई मौत…

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…20 मार्च 2023।सोशल मीडिया का जुनून युवाओ पर इस कदर हावी हो गया है कि वो इसके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते है।इस चक्कर मे कभी कभी उनकी जान पर बन आती है और जान चली भी जाती है।

घटना चुरू जिले के सदर इलाके की है।जब इंस्टाग्राम रील के लिए नहाने का वीडियो लाइव करवाते समय 4 युवकों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद चारों के शवों को बाहर निकाला गया।

डीएसपी राजेन्द्र बुरड़क ने बताया कि रामसरा गांव के सुरेश नायक (21), योगेश रैगर (18), लोकेश निमेल (18) और करीब सिंह (18) रविवार दोपहर करीब 3 बजे तालाब में नहाने के लिए उतरे थे। सुरेश (21) तालाब को पार करने की बात कहकर सबसे आगे तैरते हुए निकल गया। बीच पानी में संतुलन बिगड़ने से वह डूबने लगा। उसे बचाने के प्रयास में बाकी तीनों साथी गहरे पानी में उतर गए। एक-एक कर सब डूब गए। रामसरा निवासी जीतू प्रजापत, उमर प्रजापत, रणजीत कड़वासरा, ताराचंद प्रजापत, सुभाष, ओमप्रकाश नाई और प्यारेलाल ने 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चारों युवकों के शवों को बाहर निकाला।

शवों को राजकीय भरतिया अस्पताल में रखवाया गया है।सोमवार को रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पोस्टमॉर्टम करवाकर शवों को परिवार वालों को सौंपा जाएगा।

घटनास्थल पर मौजूद लड़के मोनू (17) ने बताया कि रविवार दोपहर को लोकेश ने करीब साढ़े 4 बजे कॉल कर जोहड़ में नहाने के लिए बुलाया था। मोनू ने नहाने से मना कर दिया। इस पर युवकों ने उसे नहाने का वीडियो इंस्टाग्राम पर लाइव करने की बात कही।उसी दौरान अचानक पानी में उतरे सुरेश, योगेश, लोकेश और करीब सिंह डूबने लगे। वीडियो बना रहा मोनू घबरा गया।उसने युवकों के परिवार वालों को इसकी सूचना दी।

हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे।

प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे घटना की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता हरलाल सहारण सहित तहसीलदार धीरज झाझड़िया, सीओ सिटी राजेन्द्र बुरड़क, थानाधिकारी रतननगर जसवीर सहित सदर और रतननगर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। हरलाल सहारण ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा- ऐसे हादसों में प्रशासन के पास रेस्क्यू के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। 108 एम्बुलेंस भी एक घंटे की देरी से पहुंची। इस पर पिकअप से शवों को अस्पताल ले जाया गया। शवों को भी ग्रामीणों ने ही निकाले।

ग्रामीणों ने बताया कि कबीर और योगेश के पिता विदेश रहते हैं। 2 भाइयों में योगेश सबसे बड़ा था। कबीर ने कुछ समय पहले ही पढ़ाई छोड़ी थी। दो भाई और एक बहन में वो सबसे छोटा था।

 

सोर्स:न्यूज़

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