



श्रीडूंगरगढ़ लाइव … 28 फरवरी 2023। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ 10 महीने ही बचे हैं। ऐसे में प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।एक तरफ बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी होते हुए भी तय नही कर पाई है कि विधानसभा में रिक्त हुए नेता प्रतिपक्ष के पद पर कौन आसीन होगा..? वहीं दूसरी ओर सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया अपने जन्मदिन को लेकर इस बार चर्चा में है क्योंकि उन्होंने अपना जन्मदिन 8 मार्च की जगह 4 मार्च को चूरू के सालासर गांव में मनाने की तैयारी कर ली है और पूर्व मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष बनने से भी साफ इनकार कर दिया है।नेता प्रतिपक्ष की रेस में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, कैलाश मेघवाल और मदन दिलावर के नाम शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया या राजेंद्र राठौड़ बन सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पाने के पीछे पार्टी की गुटबाजी एक बड़ा कारण है। जिस नेता का नाम तय होगा वो भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में दावेदार बन जायेगा। वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। सरकार को घेरने के लिए नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अहम होती है। नेता प्रतिपक्ष सदन के किसी भी नेता की ओर से लगाए गए सवाल पर बोलते हैं। वहीं सरकार को घेरने का काम करते हैं लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष नही होने से विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने वाला कोई नहीं है फिलहाल यह जिम्मेदारी सतीश पूनिया निभा रहे हैं। विधानसभा की कार्रवाई 27 फरवरी तक स्थगित थी। आज 28 फरवरी को सुबह 11:00 बजे फिर से सदन की कार्रवाई शुरू होगी।
अभी तक नाम तय नहीं होने के कारण सभी नेताओं की नजर अब केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी हैं। किसी भी तरह के विवाद से बचने को लेकर प्रदेश स्तर पर इस बारे में कोई भी फैसला नहीं लिया जा रहा। इतना तो तय है कि जो भी नेता प्रतिपक्ष बनेगा उसका कद और पद पार्टी में बढ़ जाएगा। वही दूसरी ओरपूर्व मुख्यमंत्री अपने गुट के साथ सालासर में अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त है।










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