




श्रीडूंगरगढ़ लाइव…14 फ़रवरी 2023।श्रीडूंगरगढ़ लाइव के सभी पाठकों के लिए इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए योग के आसन, प्राणायाम की पूरी जानकारी के सहित सही व सटीक विधि स्वास्थ्य कॉलम में प्रस्तुत की जाएगी। ये कॉलम पाठकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राजू हीरावत, योग व मेडिटेशन स्पेशलिस्ट द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। आप दी गई जानकारी के लिए अपनी जिज्ञासा व्हाट्सएप नम्बर 9414587266 पर मैसेज कर जान सकेंगे।
समकोण आसन
समकोण आसन शारीरिक अवस्था में सुधार लाता है और रीढ़ की विकृति को दूर करने में सहायक है।

समकोण आसन
समकोण आसन शारीरिक अवस्था में सुधार लाता है और रीढ़ की विकृति को दूर करता है.
विधि
1.दोनों पैर मिलाकर खड़े हो जाएं। दोनो हाथों को सामने की ओर से सांस भरते हुए, सिर के ऊपर लेकर आएं। बाजू सीधी रखे और हथेलियों को कलाई मे मोड़ लिजिए।
2.कमर को थोड़ी पीछे करिए ताकि रीढ़ बिल्कुल सीधी हो जाए. अब नियंत्रणपूर्वक सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकिए।
3.शरीर, गर्दन बाज़ूओं को एक सीध में रखीए और तब तक आगे झुकिए जबतक आपका शरीर ज़मीन के समानांतर न हो जाए। इस स्थिति में पाँच सिकेंड तक रुकिए और सामने की ओर देखने का प्रयास करें।
4.इसी प्रकार सांस भरते हुए फिर से शरीर को सीधा कर लिजिए और सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे कर लिजिए. तीन से पांच बार तक समकोण आसन का अभ्यास करना चाहिए।
सावधानी
श्याटिका और किसी भी प्रकार के कमर दर्द में समकोण आसन नहीं करना चाहिए।
फ़ायदा
1.समकोण आसन के अभ्यास से कमर के ऊपर की माँसपेशियों पर विशेषतौर पर प्रभाव पड़ता है. ख़ासतौर पर छाती के पिछले भाग की माँसपेशियां सशक्त होती है।
2.समकोण आसन रीढ़ की विकृति को दूर करता है और इसके नियमित भ्यास से शारीरिक अवस्था में भी सुधार होता है।










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