Shri Dungargarah Live

Hindi News POrtal

करे योग…. रहे निरोग

*Open your Free Trading and Investment Account in 3 easy steps*: 1️⃣ Download Angel One app 📲 2️⃣ Complete KYC 🪪 3️⃣ Start your Investment Journey 💰📈 ------------------------------------------------ Download using my referral link to get Free Demat Account. https://play.google.com/store/apps/details?id=com.msf.angelmobile&referrer=KI1073maR::rne_source=RnEHamburger or use my referral code KI1073maR

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…3 फ़रवरी 2023 ।

श्रीडूंगरगढ़ लाइव के सभी पाठकों के लिए इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए योग के आसन, प्राणायाम की पूरी जानकारी के सहित सही व सटीक विधि स्वास्थ्य कॉलम में प्रस्तुत की जाएगी। ये कॉलम पाठकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राजू हीरावत, योग व मेडिटेशन स्पेशलिस्ट द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। आप दी गई जानकारी के लिए अपनी जिज्ञासा व्हाट्सएप नम्बर 9414587266 पर मैसेज कर जान सकेंगे।

धनुरासन
धनुरासन योग पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है जो अनेकों स्वास्थ्य संबंधी फायदे के लिए जाना जाता है। चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकारा जाता है। इसको Bow पोज़ के नाम से भी जाना जाता है ।

विधि
1.सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं।
2.सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े।
3.सांस लेते हुए आप अपने सिर, चेस्ट एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
4.अपने शरीर के लचीलेपन के हिसाब से शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं।
5.शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें।
6.जब आप पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लें तो पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें।
7.धीरे-धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़ें। अपने हिसाब से आसन को करें।
8.जब मूल स्थिति में आना हो तो लम्बी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।
यह एक चक्र पूरा हुआ। इस तरह से आप 3-5 चक्र करने की कोशिश करें।

विज्ञान आधारित फायदे
1.इसके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है।
2. यह आसन मधुमेह के रोगियों के लिए अति लाभदायक है। इसके अभ्यास से पैंक्रियास उत्तेजित होता है और इन्सुलिन के स्राव में मदद मिलती है जो शुगर के संतुलन में सहायक है। इसके अभ्यास से डायबिटीज टाइप1 और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में फायदा पहुँचता है।
3. यह आसन पीठ दर्द के लिए रामबाण योग है । यह पीठ के लिगामेंट्स, मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं में खिंचाव ले कर आता है और पूरे स्पाइनल कॉलम में एक नई जान फूंकता है।
4. यह आसन अस्थमा रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है। इसके अभ्यास से सीने में अच्छा खासा खिंचाव आता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ती है, जो अस्थमा रोगियों के लिए बहुत जरूरी है ।
5. इस आसन के अभ्यास से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है।
6. इसके अभ्यास से कब्ज एवं अपच को दूर किया जा सकता है। यह आसान तरीके से एंजाइम के स्राव में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
6. यह योगाभ्यास विस्थापित नाभि को अपनी जगह पर लाने के लिए लाभदायक है।
7.यह योगासन थायरॉइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है तथा इसके हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है।
सावधानियां निम्न स्थिति के व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए-
1. जिन्हें तीव्र कमर दर्द हो।
2.हर्निया का रोगी।
3.ulcer या पेप्टिक ulcer से पीड़ित।
4.कोलाइटिस से पीड़ित ।
5.उक्त रक्त चाप वाले व्यक्ति इस आसान को विशेषज्ञ के परामर्श से करें।
6.अगर पथरी की शिकायत हो तो इसे न करें।
7.साइटिका से ग्रस्त व्यक्ति इसको करने से पहले विशेषज्ञ का परामर्श लें।
विशेष
यह ऐसी मुद्रा है जो पाचन तंत्र पर दबाव डालकर सफेद कणिकाओं (WBC) के प्रवाह में सुधार करता है। ये आसन पेट पर दबाव डालता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट के अंगों में रक्त का प्रवाह बढ़ाकर स्वस्थ करता है। पाचन तंत्र लिम्फोसाइटों से भरा है, सफेद रक्त कणिकाएं जो आक्रमणकारियों से लड़ती हैं, इसे मजबूत करने से आपकी समग्रता और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

 

error: Content is protected !!