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अब मिलेगा 5kg गेंहू….

 

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…30 जनवरी 2023 ।

खाद्य सुरक्षा योजना में कटौती की गई है।केंद्र सरकार की ओर से कोविड के समय में शुरू की गई योजना को बंद करने से जिले के 12.50 लाख सदस्य प्रभावित होंगे। अब खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत दो रुपए प्रति किलो की दर से मिलने वाला पांच किलो गेहूं ही निशुल्क उपलब्ध होगा। अभी प्रति व्यक्ति को दस किलो गेहूं मिलता था। ऐसे में अब हर महीने 61 हजार क्विंटल गेहूं का ही वितरण होगा। केंद्र सरकार योजना को पहले ही दो बार बढ़ा चुकी है। डीएसओ ग्रामीण भागूराम महला ने बताया कि वर्तमान में दिसंबर 22 के गेहूं का स्टॉक वितरित किया जा रहा है।
वार्षिक आय एक लाख रुपए से ज्यादा है तो नहीं बनेगा कार्ड। नए आवेदनों में भी अगर किसी परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपए वार्षिक से ज्यादा है तो वह एनएफएसए चयन के लिए अपात्र होगा।
सरकार ने अपात्रता के लिए छह श्रेणियां निर्धारित हैं।

इसमें आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता होने, परिवार का सदस्य सरकारी, असरकारी, स्वायत्तशासी संस्था में नियमित कर्मचारी होने, एक लाख रुपए वार्षिक से ज्यादा पेंशन, चोपहिया वाहन, नगर परिषद क्षेत्र में एक हजार वर्ग फुट और पालिका क्षेत्र 1500 वर्ग फुट का पक्का आवासीय या व्यावसायिक परिसर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्ग फुट से बड़ा मकान होने पर अपात्र माना जाएगा।
15 हजार नए आवेदकों के नाम जोड़े:- खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए आए 75 हजार फार्मों की जांच चल रही है। 33 हजार का निस्तारण अभी किया जाना बाकी है। 15 हजार सदस्यों के नाम जोड़ दिए गए हैं। 1400 आवेदकों के फार्मों को खारिज किया गया है। 27 हजार फार्म खामियों के चलते ई-मित्रा को भेजे हैं। अप्रैल 22 में फार्म भरे गए थे। 12 दिन बाद पोर्टल को 28 मई तक के लिए फिर खोला गया था। फिर और आवेदकों के फार्म जमा हुए थे। इससे पहले राज्य सरकार ने मई 2020 में आवेदन लेने की प्रक्रिया रोक दी थी।

गौरतलब है कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2 अक्टूबर 2013 से लागू किया गया था। अधिनियम के प्रावधानों के तहत पात्र परिवारों का चयन राज्य सरकार करती है। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अधिसूचित मापदंडों के अनुरूप पात्र परिवारों का चयन 32 समावेशन श्रेणियों और 7 निष्कासन श्रेणियों के मापदंडों के आधार पर अपील प्रक्रिया से किया जाता है।

भाजपा युवा नेता शिवप्रसाद तावणियाँ ने बताया कि केंद्र सरकार ने सिर्फ कोरोना महामारी के कारण ही गरीबो के हितों को ध्यान में रखते हुए ये योजना आरम्भ की थी। अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार को घोटालो और भ्रष्टाचार से ऊपर उठकर गरीबो के हित में फैसले लेने चाहिए।

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