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जानिए तितली आसन विधि, लाभ और सावधानियां योग गुरु ओम कालवा के साथ.

श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज 11 जुलाई 2021

जानिए तितली आसन विधि, लाभ और सावधानियां योग गुरु ओम कालवा के साथ…….

तितली आसन –

दोस्तों आज हम आपको तितली आसन ( Titli asana ) के बारे में बताने की कोशिश करेंगे. तितली आसन के अनेक फायदे है. कुछ लोग इसे butterfly pose के नाम से भी जानते है. क्यूंकि इंगलिश में तितली को बटरफ्लाई कहा जाता है. इसलिए इसे तितली आसन कहते है. ( योग मुद्रसाना )

तितली आसन को खाली पेट एवम नहाने के बाद करना सबसे अच्छा होता है. जमीन के ऊपर मोटी दरी या कम्बल बिछाकर आप इस आसन को कर सकते है, ताकि ऊर्जा संचित रहें. इस आसन का नाम तितली आसन इसलिए रखा गया है. क्यूंकि इस आसन को करने आप अपनी टांगे इस तरह ऊपर नीचे हिलाते हैं, जिस तरह से एक तितली अपने पंख फड़फड़ाती है. ( वजरोली मुद्रा )

तितली आसन क्या है?

योग के अंतर्गत कई आसन आते है. इस सभी आसनों से शरीर को भिन्न भिन्न लाभ होते है. इस्नमे से कुछ आसन को करना काफी आसान और सरल होता है, तो कुछ आसन को करना काफी कठिन और मुश्किल का काम होता है. ( संभावी मुद्रा )

इसलिए जो लोग किसी योगा विशेषज्ञ से ना सीख कर घर पर ही आसन या योगा करना चाहते हैं. उन लोगो को हमेशा सरल आसन करना चाहिए. सरल आसन उनके लिए एक बेहतर चयन होता है. इन्हीं में से एक आसन है तितली आसन. यह आसन आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखने में काफी मदद करता है. ( योनि मुद्रा )

विधि

नीचे हम आपको तितली आसन करने की सबसे सरल विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे. ताकि आप आसानी से तितली आसन का अभ्यास कर सके. ( मंडूकासना )

दोनों पैरो को आगे की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा होने के बाद हाथो से पैरो की उंगलियों को उसके पास से पकड़ें. ( शीर्षासन )
दोनों टांगो को घुटनों से मोड़ लें और दोनों हाथों से अपने दोनो पैरो के तलवे को मिलाकर कस कर पकड़े और एड़ियों को ज्यादा से ज्यादा शरीर के करीब लाने की कोशिश करें.
आपके हाथ और सम्पूर्ण रीढ़ पूरी तरह से सीधे होने चाहिए.
सामान्य सांस लेते हुए दोनों घुटनों को एक साथ ऊपर और नीचे तितली की पंखो की तरह हिलाना शुरू करें और धीरे धीरे गति बढ़ाएं. ( कपालभाती प्राणायाम )
जितना संभव हो उतनी तेज़ी से इस प्रक्रिया को करें.
गति को धीमा करते हुए रुकें. अब आप अपने पैरो को सीधा करके सामने की ओर ले आएं और शरीर को ढीला छोड़ दें.
पैरो में सुविधाजनक फैसला रखें. दोनों हाथ को पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को ढीला रखते हुए लंबी और गहरी सांस लें और कुछ देर के लिए विश्राम करें.
आप एक दिन में अपनी सुविधा अनुसार इस का जितनी बार चाहे अभ्यास कर सकते है.

फायदे

जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है. इसलिए नीचे हम आपको विस्तार से बताने के कोशिश करेंगे. ताकि तितली आसन का पूरा फायदा ले सकें. ( ध्यान मुद्रा )

तितली आसन को करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हमारे शरीर को काफी लचीला बना देता है. जिससे हमे बुढ़ापा में काफी फायदा होता है.
इस आसन को करने से जांघो और घुटनों के आसपास अच्छा खीचाव उत्पन्न होता है, जिससे कूल्हों और कमर में लचीलापन बढ़ता है. जो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है.
तितली आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से हमारे जांघ की मांसपेशियां में खिंचाव उत्पन्न होता है. जिससे हमे काफी आराम मिलता है. ( भ्रामरी प्राणायाम )
अगर हम लंबे समय तक चलते है, तो हमारे पैरो में थकावट उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में अगर आप इस आसन का अभ्यास करते है, तो काफी आराम मिलता है.
इस आसन को करने का फायदा महिलाओं को बहुत होता है. अगर आपको मासिक धर्म के दौरान असुविधा और दर्द होता है, तो आप आसन का अभ्यास अवश्य करें.
बवासीर रोग में भी यह बहुत आसन बहुत लाभकारी सिद्ध होता है.
अगर आपको यौन से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको तितली आसन का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए.
कमर और लंबर से जुड़ी समस्या में भी आप इसका अभ्यास कर सकते है. इसके अभ्यास से कमर दर्द से राहत मिलता है.
यह हमारे जननांग को पुष्ट करता है. जिससे हमे कई तरह के लाभ मिलते है. ( सूर्य नमस्कार )
यह स्नायु तंत्र, नर्वस सिस्टम को शांत सक्रिय एवं सशक्त करता है. जिससे हमे मानसिक रूप से काफी फायदा मिलता है. हमे अंदरुनी रूप से शांति मिलती है.
मूलाधार चक्र को सक्रिय करता है एवं स्वाधिष्ठान चक्र को सक्रिय एवं शुद्ध करता है.
जोड़ों का दर्द दूर करने में भी या आसन बहुत सहायक होता है, इसलिए बूढ़े लोगों को भी इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए.
इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पैरों में खून का बहाव ठीक रहता है. गठिया व जोड़ों के दर्द में इस आसन को करने से काफी आराम मिलता है.
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे – एंजायटी, चिंता, तनाव और स्ट्रेस डिसऑर्डर आदि को दूर करने में सहायक है. पद्मासन लगाने से तितली आसन बहुत ही सहायक होता है. आप इस आसन का अभ्यास पद्मासन के साथ कर सकते हैं.

 

नुकसान

आम तौर पर देखा गया है कि कोई भी योगा करने के कोई नुकसान नहीं होते है. लेकिन अगर आप योगा करते वक्त सावधानी नहीं बरतते है, तो इससे आपको अवश्य कुछ ना कुछ नुकसान हो सकते है. इसलिए हम आपको नीचे बताने की कोशिश करेंगे, कि तितली आसन का अभ्यास करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए. ( चंद्र नमस्कार )

अगर कोई व्यक्ति घुटने या टखने की समस्या से परेशान है, तो उस व्यक्ति को तितली आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए या किसी विशेषज्ञ की देखरेख में इस आसन का अभ्यास करना चाहिए.
किसी भी गर्भवती महिला को तितली आसन ( butterfly pose ) का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इससे उनके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.
इस आसन का अभ्यास उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए, जिस व्यक्ति को बुखार हो. बुखार के बाद आप इस आसन को कर सकते है.
तितली आसन को करने में किसी तरह को समस्या हो, तो आप इस आसन का का अभ्यास ना करें.
अगर कोई व्यक्ति पहली बार इस आसन को कर रहा है, तो उस व्यक्ति को इस आसन को धीरे धीरे करना चाहिए और अपनी शरीर की क्षमता अनुसार करना चाहिए.
यदि आपके घुटने में चोट या मोच आयी हुए है,

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