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कम उम्र में महिलाओं को हो रही है रसौली की दिक्कत, जानें कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज।13 मार्च 2021। बिजी लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में थायराइड और रसौली की समस्याएं काफी आम हो गई है। रसौली को आम भाषा में ‘गांठें’ कहा जाता है। इसमें गर्भाश्य या उसके आसपास गांठें बनने लगती हैं। ज्यादातर महिलाओं में कोई लक्षण नहीं होता है जबकि अन्य दर्दनाक या भारी माहवारी हो सकती हैं। एक महिला में एक गर्भाशय रसौली या कई हो सकती हैं। कभी-कभी, रसौली से गर्भवती होने में मुश्किल हो सकती है, हालांकि यह असामान्य है। रसौली परिवार के एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन में चलती है और आंशिक रूप से हार्मोन के स्तर से निर्धारित होती हैं। वैसे तो रसौली आमतौर पर 30 से 50 साल की महिलाओं के बीच देखने को मिलती है, लेकिन अब यह समस्या कम उम्र की महिलाओं में भी नजर आने लगी है। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं।

इस वजह से हो सकती है रसौली की समस्या 

एस्ट्रोजन हार्मोन की ज्यादा मात्रा

जेनेटिक कारण

गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन

गर्भावस्था के दौरान

मोटापा

जो कभी मां ना बनी हो

खाना-पीना सही ना होना

पानी कम पीना

पीरियड्स सही ना आना

ये हैं रसौली होने के लक्षण

पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग

अनियमित पीरियड्स

पेट के नीचे के हिस्से में दर्द

प्राइवेट पार्ट से खून आना

कमजोरी महसूस होना

रसौली से बचने के लिए आसान घरेलू उपाय

आंवला का जूस रसौली दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। आंवला में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। रोजाना सुबह एक चम्मच आंवला का जूस, में शहद डालकर खाली पेट पीने आपको काफी फर्क नजर आएगा।

ग्रीन-टी

ग्रीन-टी कोशिकाओं में रसौली को फैलने से रोकता है। इसके लिए रोज 2 से 3 कप ग्रीन टी का सेवन करें।

हल्दी

हल्दी में मौजूद एंटीबॉयोटिक गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। साथ ही इससे गर्भाश्य कैंसर का खतरा भी कम होता है।

लहसुन

खाली पेट रोज 1 लहसुन का सेवन करें। लगातार 2 महीने तक इसका सेवन इस समस्या को जड़ से खत्म कर देता है।

नोट-ऊपर दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए है। इसमें किसी चिकित्सक की सलाह नहीं ली गई है। श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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