
श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज।3 मार्च 2021।
मामला अगुनयकाल में बीजेपी विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री विधायक कालीचरण सराफ ने उठाया. सराफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिये गए अंतरिम आदेशों की गलत व्याख्या करके निजी स्कूल संचालक लगातार अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं. सराफ ने कहा कि इससे अभिभावक परेशान में है. ऐसे में सरकार की तरफ से अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए विधेयक लाने की मांग भी सराफ ने रखी.
विधायक सराफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कई निजी स्कूलों के मालिक गलत व्याख्या कर अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं. सराफ ने कहा कि प्रदेश के 70 लाख अभिभावक इससे परेशान हैं.
कालीचरण सराफ ने रखी ये मांगें
आपको बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के खिलाफ स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट में गए थे. जहां सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए व्यवस्था दी थी कि स्कूल संचालक छह किश्तों में फीस ले ले सकेंगे. साथ में जो अभिभावक फीस देने में असमर्थ हैं, उनके बच्चों को ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षा से और परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकेगा. सराफ ने कहा कि इस आदेश से निजी स्कूल मालिक फोन करके तथा स्टाफ को भेजकर अभिभावकों को फीस जमा कराने का दबाव डाल रहे हैं. बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा से वंचित किया जा रहा है. मैं मंत्री से मांग करता हूं कि अगर फीस के लिए कानून बनाने जरूरत है तो कानून बनाया जाना चाहिए. ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके.
सराफ ने हाथ जोड़कर की प्रार्थना
जब पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने सदन में फीस वसूली का मामला उठाया, तब शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी सदन में ही मौजूद थे. सराफ़ ने इस बात की उम्मीद जताई कि डोटासरा इस मामले पर सरकार के विचार सदन के सामने रखेंगे. सराफ़ ने इसके लिए आसन की तरफ हाथ जोड़कर स्पीकर सीपी जोशी से भी आग्रह किया.













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