श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज़ 30 जुलाई 2024
शहर के विकास के लिए अब नगर विकास न्यास की भूमिका खत्म हो गई। अब बीकानेर विकास प्राधिकरण बन गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में इसकी घोषणा कर दी। प्राधिकरण बनने राजनैतिक रूप से भले ही एक पद कम हो गया हो, लेकिन आईएएस और आरएएस अधिकारियों की संख्या बढ़ जाएगी। शहर का विस्तार होगा। शहर को कई जोन में बांटा जाएगा।
बीकानेर में विकास प्राधिकरण की लंबे समय से मांग चल रही थी। प्राधिकरण बनते ही बीकोनर जोन में बंट जाएगा। अभी पूरा शहर एक इकाई है। उसके बाद शहर 6 से 8 जोन में बंट जाएगा। अभी यूआईटी का सालाना बजट 200 करोड़ है जो बढ़कर 600 से 800 करोड़ हो जाएगा। आसपास के 32 राजस्व गांव प्राधिकरण की सीमा में होंगे। यहां जमीनों का अधिग्रहण करके कॉलोनियां बसाई जाएंगी। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के साथ शॉपिंग माल्स दिखेंगे।
प्राधिकरण का खुद का अलग कैंपस होगा। ये सीधे यूडीएच मिनिस्टर के अंडर में होगा। सरकार से भी मोटी रकम विकास के लिए मिलेगी। प्राधिकरण का कमिश्नर आईएएस होगा। इसके अलावा जोनवाइज आरएएस को उपायुक्त के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। शहर का दायरा 10 से 20 किमी दूर तक फैल जाएगा। इन गांवों में मौजूद सभी सरकारी जमीन बीडीए के अधीन आ जाएगी। इन गांव के विकास के लिए बीडीए ही अधिकृत होगी।
ये 32 गांव प्राधिकरण सीमा में होंगे
बीकानेर शहर, बीछवाल, पेमासर, उदासर, अनोपसागर, शरहकजानी, रिडमलसर पुरोहितान, नैनों का बास, शिवबाड़ी, भोजनशाला, किसमीदेसर, भीनासर, गंगाशहर, सुजानदेसर, करमीसर, श्रीरामसर, शरहतेलिया, नाथुसर, रुघनाथसर, चकगर्बी, रायसर से पेमासर तक जाने वाले रास्ते का पश्चिम भाग, हिम्मतसर, रायसर, उदयरामसर, नालबड़ी, नाल छोटी, बस्ती चावणान, कानासर, गाढ़वाला, रिडमलसर सिपाहियान शामिल है। ये वो गांव हैं जो प्राथमिक तौर पर इसमें शामिल होंगे। उसके बाद प्राधिकरण का पूरा बोर्ड गठित होगा। जो समय-समय पर समीक्षा करके अन्य राजस्व गांवों को भी शहर में शामिल करने की सिफारिश कर सकता है।
ये अधिकारी होंगे बीडीए में
चेयरमैनः ये पद अधिकतर यूडीएच मिनिस्टर के पास ही रहता है। इसके अलावा संभागीय आयुक्त के पासचार्ज रहता है
आयुक्त : इस पद पर आईएएस की तैनाती होगी। सचिवः आरएएस होंगे। जूनियर आईएएस को भी हो सकता है।
उपायुक्तः शहर को अब जोन में बांटा जाएगा। बीकानेर को 6 जोन में बांटा जा सकता है। प्रत्येक जोन में आरएएस उपायुक्त लगेंगे। इसके अलावा निदेशक वित्त, वरिष्ठ लेखाधिकारी, निदेशक अभियांत्रिकी, तहसीलदार सहित अलग से पुलिस विंग भी होगी। उपाध्यक्ष पद पर राजनैतिक नियुक्ति संभव है।
विकास का सोर्स
अब यूआइर्टी का अकाउंट बीकानेर रीजन विकास निधि के नाम से होगा। इसी में सारी राशि जमा होगी। इस कोष में पहली बार सरकार कुछ राशि जमा कराएगी। उसके बाद विकास प्राधिकरण अपने स्तर पर आमदनी के स्रोत बनाएगा। तमाम तरह के कर देने अब अनिवार्य होंगे। जो गांव बीडीए के अधीन आएंगे वहां की सरकारी जमीन पर आवासीय योजना बनाकर आय की जाएगी।
प्राधिकरण का बोर्ड बनेगा
जो भी प्राधिकरण का बोर्ड बनेगा उसमें अध्यक्ष सरकार नियुक्त करेगी। बीकानेर विकास प्राधिकरण का आयुक्त उपाध्यक्ष होगा। शासन सचिव यूडीएच के अलावा आसपास जिलों के कलेक्टर भी सदस्य होंगे। उसके अलावा आवासन उपायुक्त, पीएचईडी, बिजली, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम के मेयर, जिले की तमाम नगर पालिकाओं के चेयरमैन को इसमें सदस्य बनाया जा सकता है।
आगे क्या
अभी तो सीएम ने विधानसभा में घोषणा की है। कोटा को प्राधिकरण बनाने की घोषणा के दो साल बाद उसका गजट नोटिफिकेशन हुआ था। सबसे पहले नोडल अधिकारी नियुक्त होगा। फिर उसकी पूरी डीपीआर बनेगी। डीपीआर बनाते समय ये फैसला भी किया जाएगा कि शहर की सीमा का विस्तार कहां तक होगा। कैसा बोर्ड होगा। कितने किलोमीटर शहर का दायरा होगा। बड़ी बात नहीं कि देशनोक नगर पालिका भी बीडीए के दायरे में आ जाए।










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