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श्रीडूंगरगढ़ नेता घूम रहे है राजनीति चमकाने मे, जनता परेशान है मूल भूत सुविधाओं के लिए

श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्युज 18 अगस्त 2023

श्रीडूंगरगढ़ जेसे जेसे चुनाव नजदीक आ रहे है वेसे नेता घूमने लग गये है लेकिन जनता अभी भी अपनी मूल भूत सुविधाओं नहीं मिलने से परेशान है जिसमें चाहे बिजली, पानी, सड़क या कोई रोजमर्रा मे आने वाली दैनिक सुविधाओं हो लेकिन नेता अपनी राजनीति चमका के पांच साल पूरे कर लेते है

*श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र मे बिजली समस्या एक बड़ा मुद्दा*

क्षेत्र मे बिजली समस्या एक बहुत बड़ा मुद्दा है किसानों को पर्याप्त मात्रा मे बिजली नहीं मिल पाने से किसान वर्ग बहुत परेशान है और नेता हर बार किसानों को बिजली के नाम से गुमराह करके वोट ले लेते है लेकिन परिणाम वही के वही आज भी सेंकड़ों किसान बिजली के लिये धरना दे रहे है और सरकार से मांग कर रहे है। हमारे वर्तमान विधायक भी बिजली समस्या को लेकर जनता के बीच मे आये थे जनता ने उन्हें विधायक भी बना दिया लेकिन किसानों को मिला फिर से धरना देना बिजली नहीं मिली ।

जनता परेशान नेता चमका रहे राजनीतिक

सफेद कपड़े पहनकर नगरपालिका के इर्द-गिर्द भिनभिनाने वाले अथवा चूंकि यह शहर हाइवे पर पड़ता है, इसलिए हाइवे से गुजरनेवाले तथाकथित बड़े नेता को माला पहनानेवाले, पूर्व हारे हुए एमएलओं की चमचागीरी करनेवाले, भूमाफियागीरी कर, ठेकेदारी कर धन कमाने वाले तथाकथित राजनेताओं को ढूंढो तो श्रीडूंगरगढ़ में सैकड़ों मिल जाएंगे।धड़ल्ले से सीमेंट की घटिया सड़कें बनती है, पर एक भी राजनेता सड़क की जगह पहुंच कर ठेकेदार पर अच्छा कार्य करने का दबाव नहीं बनाते। व्यापक ड्रेनेज और सिवरेज योजना के लिए प्रयास करनेवाला कोई नेता यहां नहीं। इतना बड़ा शहर है, पर पर्यावरण की दृष्टि से विकसित पार्क नहीं, शहर के भीतर की सबसे प्राचीन स्कूल सूअर गृह बनी हुई है, उसकी सुधबुध लेनेवाला कोई नेता नहीं। श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय की अनेक विसंगतियों पर दृष्टिपात करनेवाला कोई नहीं। पुराने जोहड़, ताल मैदान दुर्गति के शिकार हैं। बीड़ का यही हाल रहा तो एक दिन पूरा ही कब्जों में सिमट जाएगा। इतने बड़े शहर में एक टाऊन हॉल नहीं है। बस स्टैंड को यह शहर बरसों से तरस ही रहा है।

*घूमचक्कर बस स्टैंड के पास शूलभ शौचालय का न होना* 

श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका मे लगातर भाजपा का बोर्ड रहा है यहा पर भी वही कहानी चुनावी टाइम पर नेता बड़े बड़े वादे करते है वोट लेने के बाद काम नहीं होता है हाल ही मे घूमचक्कर के पास बस स्टेंड पर शूलभ शौचालय के नहीं होने से यात्रियों को हो रही बड़ी दिक्कत ,दूर दराज से आई हुई महिलाएं यात्रीयों को ये परेशानी ज्यादा होती है नगरपालिका द्वारा पहले बने शूलभ शौचालय को हाईवे ऑथोरिटी द्वारा तोड़े जाने के बाद एक चलता फिरता शौचालय लगाया गया था लेकिन अभी वही नहीं है

समूचा बाजार अतिक्रमण का शिकार है

नई कब्जा बस्तियों में आडी गलियां नहीं है, बिना गलियों के पट्टे बन रहे हैं। जो मुख्य गलियां हैं, वे भी आधी चौड़ाई की है। पूरे शहर की सुन्दरता का इन टेढी मेढी और शंकरी गलियों ने भट्ठा बैठा दिया। जो अवैध कालोनियां हैं, उनमें बिजली, पानी, सड़क की फिर भी सुविधा है लेकिन जो स्वीकृत कालोनियां हैं उनमें न सड़क है न पेयजल की लाइन। ऐसे सैकड़ों मुद्दे हैं, पर छोटा बड़ा कोई राजनेता इन मुददों पर बात करते, जूझते नहीं देखा जाता।

 

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