श्रीडूंगरगढ़ लाइव 05 अगस्त 2023। राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे ही सबसे आगे है। जबकि वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले उनसे बहुत पीछे हैं। जब से कर्नाटक में बीजेपी को हार मिली है, तब से वसुंधरा राजे को राजस्थान के सियासी सूबे में फिर से महत्व दिया जाने लगा है। सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा भी आने वाले चुनावी रण में कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। सियासी जानकार राजस्थान में वसुंधरा राजे को बीजेपी की मजबूरी भी बता रहे हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान वसुंधरा राजे को नाराज नहीं करना चाहता है। हालांकि, मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बीजेपी नेता पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। शायद यही वजह है कि वसुंधरा राजे ने जयपुर में बीजेपी के बड़े प्रदर्शन से दूरी बनाकर सियासी मैसेजे दे दिया है।
दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे का नाम लेकर सीएम फेस को लेकर बीजेपी में गुटबाजी को हवा दे दी है। गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में जो नेता सीएम के चेहरे बने हुए हैं, उनका लेवल क्या है..? वसुंधरा राजे असली सीएम का चेहरा हैं। उसे तो इन्होंने छिपा रखा है। जयपुर में बीजेपी के घेराव में वसुंधरा राजे क्यों नहीं आईं.. ? उनको क्यों छुपा रखा है.. ? दो बार मुख्यमंत्री रही हैं। लाओ आगे उसको, अगर मुकाबला करना है। तुमसे तो मुकाबला होगा नहीं । उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 2018 विधानसभा चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया को बीजेपी में हाशिए पर धकेलना शुरू हो गया था।
कर्नाटक की हार से लिया सबक…?
बीजेपी कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए 5 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में ये गलती नहीं दोहराना चाहती। इसके लिए भाजपा ने राजस्थान में एक बार फिर स्थानीय लीडर राजे को महत्व देना शुरू कर दिया है, जो पार्टी में अभी तक दरकिनार की राह पर चल रही थी। इस पूरी राजनीति को इस बात से समझ सकते है कि कुछ महीनों पहले हाशिए पर चल रही राजे की सियासत खत्म होने के दावे किए जा रहे थे, ढोल नगाड़े पीटे जा रहे थे। वहीं अब एक बार फिर राजस्थान में राजे को दोबारा तरजीह देना शुरू कर दिया है, और उन्हें अब राजस्थान में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में वापसी की भविष्यवाणियां होने लगी है। चुनावी साल में वसुंधरा फ्रंटफुट पर नजर आने लगी है। राजस्थान में राजे को आगे करने के पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि कर्नाटक में बीजेपी ने स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर पीएम मोदी के चेहरें पर चुनाव लड़ा, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा और नतीजे बीजेपी के खिलाफ आए । कर्नाटक में येदियुरप्पा को दरकिनार कर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला, जो भाजपा को भारी पड़ा। माना जा रहा है कि बीजेपी राजस्थान में वसुंधरा राजे को दरकिनार कर कर्नाटक वाली गलती दोबारा नहीं दोहराना चाहती।
सोर्स-न्यूज़










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