श्रीडूंगरगढ़ लाइव 21 जून 2023।श्रीडूंगरगढ़ में गौवंश चोरी, सुईसाल और अवैध रूप से बेचने वाले गिरोह को गौसेवकों ने पकड़ा।
हिन्दू धर्म मे गौसेवा को परम धर्म माना गया है। गाय को मातृ रूप कहा गया है। आमजन गायों और अन्य अबोल पशु पक्षियों की सेवा में निःस्वार्थ भाव से लगे रहते है।
धर्म नगरी श्रीडूंगरगढ़ में जहाँ सेवादार निःस्वार्थ भाव से रात दिन प्राणिमात्र की सेवा में जुटे रहते हैं, वहीं कुछ अपराधी प्रवृत्ति और समाज कंटकों द्वारा सनातन के आस्था के बिंदु मातृस्वरूपा गौवंश की चोरी भी कर रहे है और उनको पकड़कर अवैध रुप से बेचने के अलावा उनका सुईसाल (बधियाकरण) भी कर रहे है। बुधवार आज सुबह श्रीडूंगरगढ़ न्यायालय परिसर के पीछे मात्र 20 मीटर दूरी पर कुछ असामाजिक लोगों ने गली में घूमने वाले और निजी स्वामित्व के नर गौवंश को अवैध रूप से पकड़ कर इस तपती धूप में नाक में नकेल डालकर भूखा-प्यासा बांध रखा था। और उन्हें बड़े दर्दनाक तरीके से सुईसाल(बंधियाकरण) किया गया था। श्रीडूंगरगढ़ लाइव की टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां पर गौसेवकों ने 7 नर गौवंश जिनके नाक में नाथ में डाली हुई थी उनको वृक्ष की छाया में बांध दिया था। जो एकदम बेसुध और भुख-प्यास से व्याकुल थे। इन नर गौवंश में से दो का उन अपराधी तत्वों ने सुईसाल(बंधियाकरण) कर रखा था जिनमे खून भी टपक रहा था। वही पर ही डॉक्टर को बुलाकर उनका इलाज करवाया गया तथा भूख-प्यास से बेहाल इन अबोल पशुओं को पानी और चारा दिया गया।इन गौसेवकों को देखकर अपराधी वहां से भाग छूटे। तत्पश्चात वहां पुलिस भी बुलाई गई।

गौसेवक और पशुप्रेमी आनंद जोशी ने बताया कि इन गौवंश को देखकर लग रहा है कि इन्हें कई दिनों से भूखा-प्यासा रखा गया है। इन्हें चारा भी नहीं डाला गया है ताकि ये आसानी से बंधियाकरण करने हवतु काबू में आ सके। घटनास्थल आनंद जोशी, नोरंग सारस्वत, सतीश सारस्वत, सुनील सारस्वत, कैलाश स्वामी, राजकुमार महर्षि, नारायण जोशी, गणेश सिंह, गणेश नाई, श्रीकिशन नाई, कालू सारस्वत, हाकम कायमखानी, राम गुरावा, सुनील सारस्वा आदि गौप्रेमी एकत्रित हो गए उन्होंने इस घटना पर कड़ा रोष जताते हुए कठोर कार्यवाही करने की बात कही। गौसेवकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चमेली पत्नी आसुराम, तुलछाराम जायल निवासी, लालाराम पुत्र भंवरलाल साटिया, मुकेश पुत्र आसाराम साटिया द्वारा इस निंदनीय घटना को अंजाम दिया गया है।

श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र का ये पशु क्रूरता और पशु तस्करी का बड़ा मामला, कस्बे से बहुतायत में निजी गौवंश गायब और चोरी हुए..
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में गत कई महीनों से अलग अलग जगहों से गायें और बछड़े गायब और चोरी हो रहे थे। इनकी कई परिवाद भी थाने में दी गयी थी लेकिन ढूंढने पर इनका पता नहीं चल रहा था। गौसेवी सतीश सारस्वत ने बताया कि पिछले कई महीनों में 250 से ज्यादा आजाद और घरेलू गौवंश गायब हुआ है।लोग गलियों में इनको ढूंढते रहते है जबकि ये इन गौवंश को इधर वीराने में कस्बे से दूर बांध देते है। जब इन डेरों पर पता किया तो पता चला कि ये लोग गौवंश को 3-4 दिन तक धूप में रखते है। इन्हें भूखे-प्यासे रखकर बेसुध किया जाता है। इनकी नाक में नकेल डाल दी जाती है जो अत्यंत पीड़ादायक होती है। फिर इनका सुईसाल या बंधियाकरण कर दिया जाता है।

गौप्रेमी इसे गौतस्करी से जुड़ा मामला बता रहे है। जिसकी प्रशासन द्वारा सख्त जांच होनी चाहिये। सूचना देने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मौका मुआवना किया। डॉक्टर द्वारा घायल नर गौवंश का इलाज किया गया। फिर इन सभी गौवंश को एक गौशाला में पहुंचाया गया।
सुरेश कुमार तावनियाँ ने इन्हीं गौवंश में से अपने नर गौवंश को पहचान कर दुःख प्रकट किया और कहा कि मैं इसे गोधा बनाने वाला था लेकिन इन समाजकंटकों ने इसका सुईसाल (बंधियाकरण) करके मुझे मानसिक आघात पहुंचाया है। सुरेश कुमार ने पुलिस को लिखित में पशु क्रूरता और तस्करी का परिवाद देकर शिकायत दर्ज करवाई है।

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