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इतिहास के पन्नो से… रमणीयता का दूसरा नाम–सनातन मुक्तिधाम

श्रीडूंगरगढ़ लाइव 02 जून 2023। प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।

श्रीडूंगरगढ़ में सुन्दर पार्कों की कमी रहने के कारण- कहीं हम पार्क जैसा ढूंढने और घूमने जाने का विचार करते तो एक हनुमान धोरा ही हुआ करता था। विगत सात वर्षों से अब रमणीय स्थल के रूप सनातन मुक्तिधाम-कालूबास हो गया है।

अब यहां आने पर तसल्ली व मन को सुकून मिलता है। सुन्दर बगीचे–अनुपम कलाकृतियां–खूब हरियाली–सुस्ताने बैठने के बहुत सारी जगहें–घूमने के लिए सुन्दर परिपथ। फव्वारे-मंदिर तथा और भी बहुत कुछ है यहां।

आमतौर पर लोग शमशान में जाते डरते हैं-पर यहां सुबह शाम लोग बड़ी संख्या में बड़े चाव से जाते हैं और मन में प्रसन्नता प्राप्त करते हैं। मुक्ति धाम का यह सुन्दर स्वरूप गांव के लोगों की आर्थिक उदारता के कारण सम्भव हुआ है। विगत सात वर्षों से सनातन मुक्ति धाम समिति के अध्यक्ष श्री हरिप्रसाद बाहेती बेहद लगन से इस काम को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। उन्होंने हरेक कार्य में रुचि लेकर तथा परिश्रम और सूझबूझ से इस कार्य को करवाया है तथा छोटा मोटा कार्य अभी भी चल रहा है।

मुक्ति धाम के इस स्वरूप को चार चांद लगाने के लिए एक बड़ी योजना बन रही है–शायद शीघ्र अमल में आए ।

मुक्ति धाम के पूर्वी-उत्तरी कोने में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के बारह मंदिर बहुत भव्य रूप में बनाए जाने की योजना है। इनके बनने के बाद तो यह और सुन्दर और रमणीय हो जाएगा।

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