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जिसे मृत मान लिया, वह 33 साल बाद जिंदा लौटा, बेटे ने बना लिया था मृत्यु प्रमाण पत्र

श्रीडूंगरगढ़ लाइव 01 जून 2023। एक व्यक्ति 42 साल की उम्र में घर से गायब हुआ और 75 साल की उम्र में 30 मई को घर लौटा है। इस बीच उसके परिजन उन्हें मृत मान उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था।

घटना राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर की है। अब परिवार में खुशी का माहौल है। यह मामला राजस्थान के अलवर जिले का है। करीब 33 साल पूर्व गायब हुए एक व्यक्ति अपना घर लौटा है। उसे जीवित देख परिजन चौंक गए, क्योंकि उन्होंने (परिजन) ने पिछले साल ही उन्हें मृत समझकर उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था। साल 1989 में घर से दिल्ली खारी बावली में काम करते समय अचानक गुम हो जाने पर परिजनों ने काफी तलाश किया था। हनुमान सैनी करीब 33 साल बीत जाने पर घर लौटे। उस जीवित देख परिजनों में खुशी का माहौल है। 75 वर्षीय हनुमान सैनी के तीन लड़की समेत 5 संतानें हैं सभी की शादी हो चुकी है। बहन-बेटियां उनका हाल-चाल जानने के लिए घर पहुंची है। अपने बच्चों को छोटी सी उम्र में ही छोड़कर चले जाने के पश्चात 30 मई को अचानक अपने घर आ पहुंचे। जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में नाते-रिश्तेदार सैनी का हालचाल पूछने के लिए उ घर पहुंच रहे हैं।

हनुमान सैनी 42 साल की उम्र यानी 1989 में दिल्ली के खारी बावली की एक दुकान पर काम किया करते थे तभी अचानक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित माता मंदिर पहुंच गए और जहां उन्होंने आराधना तपस्या की तकरीबन 33 साल की तपस्या के पश्चात माता के आदेश पर उन्होंने घर वापसी की है। हनुमान सैनी दिल्ली से खैरथल ट्रेन से 29 मई की रात में खैरथल पहुंचे। जहां से बानसूर के लिए कोई वाहन नहीं मिलने पर रात में ही पैदल चलकर ततारपुर चौराहा तक पहुंचे। उसके पश्चात सुबह किसी वाहन से बानसूर के स्वास्तिया हनुमान मंदिर तक पहुंचे। मंदिर में मत्था टेकने के पश्चात अपने घर का रास्ता पूछ पूछकर अपने घर पहुंचे। उस दौरान जिससे उन्होंने सहायता मांगी वो व्यक्ति उसे पहचान गया और उन्हें घर तक पहुंचा दिया। परिजनों ने हनुमान सैनी को जीवित देखकर अचंभित हो गए और घर में खुशी का माहौल छा गया। हनुमान सैनी की बहन-बेटियों को इसका पता चला तो ससुराल आकर उन्होंने भी अपने पिता भाई का हाल चाल जाना और पूछा कि आप इतने दिनों तक कहां थे…? हनुमान सैनी के रिश्तेदारों को जैसे पता चला कि हनुमान घर वापस आ गए हैं। उसके बाद से ही रिश्तेदारों का घर आना-जाना लगा है।

बेटों ने बनवा लिया था मृत्यु प्रमाण पत्र

हनुमान सैनी के बड़े बेटे रामचंद्र सैनी ने बताया कि 33 साल अपने पिता की याद में गुजर जाने के पश्चात पिता के जीवित होनी की आस छोड़ दी थी. फिर हमने न्यायालय का सहारा लेकर अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र 2022 में बनवाया था। क्योंकि उन्हें जमीन से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। जिसके कारण 2022 में पिताजी का कोर्ट के जरिए मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाया था. हम लोग पिताजी के जीवित होने की आस छोड़ चुके थे, लेकिन पिताजी के घर वापस आने पर हमें बहुत खुशी हुई है। भगवान का शुक्र है कि हम छोटे-छोटे थे और हमने अपने पिता की सूरत तक नहीं देखी थी। आज हमें वो खुशियां मिल गई और हमारे पिता परिवार के बीच हैं।

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