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अर्जुनसर स्टेशन पर एक्सप्रेस गाड़ियों के ठहराव को लेकर लोगों में जन आक्रोश

श्रीडूंगरगढ़ लाइव…14 मई 2023।अर्जुनसर स्टेशन पर दशकों से चली आ रही एक्सप्रेस गाड़ियों के ठहराव की मांग को लेकर लोग उद्वेलित हैं तथा वाजिब एवम् उचित मांग को पूरा करवाने के लिए अब आर पार का फैसला करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो चुका है। आज, मंडल रेल प्रबंधक बीकानेर के नाम से स्टेशन अधीक्षक अर्जनसर को ज्ञापन देते हुए ग्रामीणों ने गहरा आक्रोश व्यक्त कर यह बात कही है।

अर्जनसर् स्टेशन पर बाड़मेर _ऋषिकेश एवम् श्रीगंगानगर_कोटा एक्सप्रेस के ठहराव की मांग तीन दशक से अनवरत चली आ रही है। इसी तरह कोरोना काल में बंद किए गए जोधपुर_बठिंडा लोकल के स्टॉपेज को पुनः बहाल किए जाने की मांग भी जारी है लेकिन रेलवे द्वारा इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं करके अनदेखी की जा रही है।
रेल से जुड़ी समस्याओं के लिए लगातार प्रयासरत ग्रामीणों ने बताया कि दशकों से चली आ रही स्टॉपेज की मांग, स्थानीय सांसद व मंत्री सहित रेल मंत्रालय, महाप्रबंधक को अनेकों मुलाकात, ज्ञापन, एवम् ईमेल के माध्यम से अवगत करवाई जा चुकी है जिस पर सभी ने उदासीनता बरती है।

रेलवे ने कल ही हनुमानगढ़ के आगे के स्टेशन मानकसर को बाड़मेर ऋषिकेश का स्टॉपेज दिया है तथा इसी तरह राजियासर को चार एक्स्प्रेस ट्रेनों के स्टॉपेज हेतु जोन मुख्यालय को अभिषंशा भेजी गई है। रेलयात्री भार व राजस्व मामले में अर्जनसर से कमतर स्टेशनों को स्टॉपेज देने तथा यहां की अनदेखी करने से लोगों में जबरदस्त आक्रोश छाया है। गुस्साए दर्जनों लोगों ने रेलवे के उच्चाधिकारियों सहित सांसद अर्जुनराम को टेलीफोन के जरिए कड़े शब्दों में हक की लड़ाई हेतु आंदोलन की चेतावनी तक दी है। लोगों ने बताया कि मात्र दो जोड़ी लोकल गाड़ियों के स्टॉपेज के बावजूद अर्जनसर स्टेशन की आय अन्य स्टेशन से कहीं बेहतर है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस स्टेशन की  कुल आय 9,37,89, 024 रू (9,19,94,220 सेना से 17,94,804 यात्रियों से) होने के बावजूद भी इस स्टेशन की अनदेखी किया जाना इस एरिया के तीन दर्जन गांव कस्बों की जनता सहित देश के सैनिकों के साथ भी अन्याय है। संघर्ष करते आ रहे सक्रिय जागरूक युवाओं ने जन प्रतिनिधियों की उदासीनता पर भी सवाल उठाते हुए बताया कि स्थानीय सांसद से बीते चौदह साल में इस क्षेत्र के लोगों ने एकमात्र यही मांग की थी जो आज तक भी अधूरी रही है।


ग्रामीणों के भारी दबाव तथा आक्रोश को देखते हुए दो दिन पहले सांसद द्वारा रेल मंत्रालय को इस बाबत अवगत करवाए जाने की भी जानकारी मिली है। सांसद ने बीकानेर से दिल्ली सराय रोहिल्ला चलने वाली ट्रेन के अर्जनसर में ठहराव की मांग भी अपने पत्र में की है जिसे लोगों ने अव्यवहारिक व निर्थक बताया है। ग्रामीणों ने बाड़मेर_ऋषिकेश एवम् श्रीगंगानगर_कोटा/झालावाड़ के अलावा किसी अन्य एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव पर भी असहमति प्रगट की है। जोधपुर बठिंडा पैसेंजर का कोरोना में बंद किया स्टॉपेज पुनः चालू हो ऐसा मांग पत्र में चाहा गया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बीकानेर से सूरतगढ़ रूट पर तेरह स्टेशन ऐसे हैं जहां के लिए दोपहर दो बजे बाद अगली ट्रेन अठारह घंटे बाद अगले दिन साढ़े आठ बजे ही है। जोधपुर बठिंडा लोकल ट्रेन बीकानेर में दो घंटे से अधिक नाहक ही खड़ी रखी जाती है जिस पर लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है।

 

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