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पालिका से त्रस्त कस्बे की कहानी…. आमजन की जुबानी

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श्रीडूंगरगढ़ लाइव…14 फ़रवरी 2023। प्रिय पाठकों, श्रीडूंगरगढ़ लाइव पाठक को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जिसमे पाठक अपने शब्दों में अपनी बात और अपनी खबर दे सकते है। इसी कड़ी में आज श्रीडूंगरगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता बिमल कुमार ने अपने उद्गार व्यक्त किये है।

श्रीडूंगरगढ़ के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उत्तरदायी निकाय श्रीडूंगरगढ नगरपालिका आमजन की तकलीफों और कस्बे के विकास को उपेक्षित करके निजी स्वार्थ में संलिप्त हो चुकी है। अब हालात ऐसे है कि आमजन को पालिका और इसमें बैठे जिम्मेवारों के नाम से घिन्न होने लगी है। श्रीडूंगरगढ लाइव में सोमवार को हुए नाटकीय धरने प्रदर्शन की खबरें प्रकाशित करने के बाद आमजन ने बेबाकी के साथ पालिका की “पोल में ढोल” मुद्दे पर अपने विचार रखे। ऐसे में सामाजिक संस्थाओं से जुड़े बिमल चौरड़िया की जुबानी- पालिका से त्रस्त कस्बे की कहानी
शहरी विकास का आधार और सफाई व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने वाली नगरपालिका की कार्यप्रणाली ही शहर वासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। विकास के दावों के विपरीत गली मोहल्लों की सफाई व्यवस्था लम्बे समय से चौपट है। इस समस्या के समाधान की मांग आमजन द्वारा निरन्तर की जा रही है इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।दूसरी तरफ मुख्य मार्ग पर पूरे दिन लावारिस पशु घूमते रहते है जिससे आनेजाने वाले छोटे-बड़े वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो रास्ते पर ही सांड लड़ने लगते है। दूकानों के बाहर रखा समान बिखरे देते है।कई बार रोड पर चलने वाले राहगीरों को भी मवेशी चपेट में ले लेते है। शहर की रोडलाइट दिन में जलती रहती है प्रमुख मार्गों पर अंधेरा पसरा रहता है। राज्य में बिजली संकट के हालात के बीच इस तरह की लापरवाही समझ से परे है। नगरपालिका अध्यक्ष एवं पार्षदों द्वारा नगरपालिका की तालेबंदी और धरना प्रदर्शन की जाती है। नगरपालिका की और से समस्या समाधान की समय-समय बात जरूर कही जा रही है, लेकिन धरातल पर परेशानी बरकरार है।

शहर के सभी सम्मानित नागरिकों से हमारा सविनय निवेदन है की शहर की चरमराती व्यवस्था को सुन्दर सुव्यवस्थित रूप प्रधान करने में अपना अमूल्य योगदान अवश्य दे। इसी मंगलकामना के साथ…

बिमल चोरडिया

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