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आपणी बात ….आपणी भाषा म… “राग बिराग राम मय होना”

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श्रीडूंगरगढ़ लाइव…06 फ़रवरी 2023 । 

राग बिराग राम मय होना”

राग बिराग राम मय होना।
यही सीख धारण कर मौना।।
तजहुं सकल मानस कटुलाई ।
तबहु राम के भगत कहाई।।
वाल्मिकी सूं लेयनै अब तांई जका भी श्रीराम रै जीवन चरित री जिंया भी व्याख्या करी है, बा ऊपर री लाइनें में सात लखावै।
श्रीराम नै जद समझणै री कोसिस करें तो आ बात लाधै अर बांरै जीवन दरसणन रा
ऐ पख आंख्यां साम्हीं उघड़ै सत्य आचरण रा साचा साधक श्रीराम आपणै आगै जिण आदर्श रो भाव राखै, बो लंका रै बेद सुषेण री बात सूं उभरनै साम्हीं चरूड़ हुवै । जद सुखेण श्रीराम सूं बूझै , ” म्हैं तो आपरै बैरी पख रो राजबेद हूं।आपरै बैरी पख रै राजबेद नै आप धकै बुलायनै अपरै भाई यानी म्हारै शासक रै घोर शत्रु रो इलाज करणै सारु ठडो करस्यो तो कांई म्हारो म्हारी धरती अर राज रै साथै द्रोह नीं होसी। थै तो खुद मरजादा रा ठाडा थांभ मानीजो। आप ही बताओ, के म्हारो धरम अठै कै होवणो चाईजै। श्रीराम री साच सारु जकी निष्ठाभाव ने जिण भांत गोस्वामी जी दरसाई है बा तो हरैक मिनख नै मन में उतार परी हिड़दै धारणा करणी चाईजै। श्रीराम अठै राजबेद नै जको पड़ूतर देवै बो मिनख मन री भोत बडी ठाड नै दिखावै। बै बोलै “हां बेदराज जी थै साच्याणी थारी ठोड़ एकदम सही हो, साच तो आ ही है,कै देस सूं द्रोह करणियो मिनख कदै ही माफ करणै जोगो नीं हुवै।”
भाई म्हैं थारै साथै ठडो भी करूं तो आ म्हारी मरजाद नै जाणतां -बूझतां खाडै में न्हाकणो होसी। म्हारी छूट है, जको थारो धरम केवै बो करणो ही धरम हुवै। म्हारो चावै सो कीं खूटज्या, पण म्हैं म्हारै मुंहडै आपनै देस साथै दगो करणै रो तो किंया कैय सकूं हूं। म्हारी भी तो मरजाद है। म्हारी साच री साधना पेटै काळजो कद गवाह बणसी म्हारो।म्हारी मरजाद अर धरम तो, साच नै साधणी है। अठै श्रीराम एक ग्यान भंडार रख पुरख अर सत रै थांभ रै रूप में साम्हीं आवै। अर सोझीवान रै जी में जका भाव जगावै। चित री चितार में ठाला पग जमायनै जचै। ओ मिनख रो आचरण ही जीव नै जगत में श्रीराम बणावै।
राग बिराग राम मय होना”
इति आनंद
सत्यदीप

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