श्रीडूंगरगढ लाइव न्यूज 27अक्टूबर 2023
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के घोषित प्रत्याशी चुनावी रण में पूरी तरह से उतर चुके है। वहीं बीकानेर जिले की सभी सात सीटों में से भाजपा की दो और कांग्रेस की तीन सीटों पर अभी भी पेच अटका हुआ है। बता दें कि भाजपा की ओर से बीकानेर पश्चिमी में नया चेहरा जेठानन्द व्यास को उतारा है तो दूसरी ओर बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी सिद्धी कुमारी को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। उधर नोखा विधानसभा क्षेत्र से बिहारी लाल विश्नोई व लूणकरनसर विधानसभा क्षेत्र से सुमित गोदारा में एक बार फिर पार्टी ने विश्वास जताया है। जबकि श्रीडूंगरगढ़ में भाजपा के पूर्व जिला देहात अध्यक्ष रहे ताराचन्द सारस्वत को टिकट दी है। वहीं श्रीकोलायत व आरक्षित सीट खाजूवाला में प्रत्याशियों की घोषणा अभी होनी शेष है।
उधर कांग्रेस ने बीकानेर पश्चिम से वर्तमान सरकार में रहे मंत्री डॉ बीडी कल्ला, खाजूवाला में मंत्री गोविन्द राम मेघवाल, श्रीकोलायत में मंत्री भंवरसिंह भाटी को टिकट दी है। जबकि रामेश्वर लाल डूडी क ा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण इस बार नोखा विधानसभा से उनकी पत्नी को टिकट दिया है। बीकानेर पूर्व, श्रीडूंगरगढ़ व लूणकरनसर में अभी भी पेच अटका हुआ है। यहां पार्टी ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए है।
बीकानेर पूर्व: भाजपा प्रत्याशी सिद्धी कुमारी
लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी है।
कांग्रेस के समक्ष चुनौती: बीकानेर पूर्व से कांग्रेस के सामने प्रत्याशी को लेकर चुनौती बनी हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में कन्हैयालाल झंवर को टिकट मिला था। किंतु वे भी पार्टी को इस सीट से जीत नहीं दिला पाए थे। हां इतना जरूर है कि हार-जीत का अंतर काफी हद तक कम हो गया था। हाल फिलहाल अभी तक सिद्धी कुमारी के सामने कोई सशक्त उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा है।
लूणकरनसर: भाजपा प्रत्याशी सुमित गोदारा
लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान मेें
कांग्रेस के लिए चुनौती: पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सुमित गोदारा को चुनाव मैदान में उतारा था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र बेनीवाल को हराया था। इस बार भी क्या कांग्रेस वीरेन्द्र बेनीवाल में विश्वास जताएंगी या फिर कोई नया चेहरा सामने आएगा। सूत्रों के ेमुताबिक पूर्व में जिला प्रमुख रहीं सुशीला सींवर का भी नाम सामने आ रहा है।
श्रीडूंगरगढ़: भाजपा प्रत्याशी ताराचन्द सारस्वत, भाजपा के पूर्व जिला देहात अध्यक्ष, पिछला चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद इस बार फिर से भाजपा ने सारस्वत में विश्वास जताया है।
श्रीकोलायत: कांग्रेस प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी, लगातार दो बार जीत
पिछले इन दो चुनाव में भंवरसिंह भाटी ने एक बार देवीसिंह भाटी व दूसरी बार उनकी पुत्रवधू को शिकस्त दी थी।
भाजपा के सामने चुनौती: बीकानेर के कद्दावर नेता एवं पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी की हालांकि हाल में वापस भाजपा में वापसी हुई है। उधर भाजपा के पास भंवरसिंह भाटी के सामने हाल फिलहाल देवीसिंह भाटी के अलावा कोई सशक्त उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि देवीसिंह भाटी ही श्रीकोलायत से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं। उधर कांग्रेस से दो बार विधायक रह चुके रेवंतराम पंवार ने कांग्रेस को छोड़ आरएलपी का दामन थाम लिया है। ऐसे में यदि आरएलपी पंवाार को श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र से यदि टिकट देती है तो इस बार वर्तमान सरकार में मंत्री रहे भंवरसिंह भाटी की जीत की राह आसान नहीं रहने वाली है।
खाजूवाला: कांग्रेस के प्रत्याशी गोविन्दराम मेघवाल
भाजपा के सामने चुनौती: हालांकि खाजूवाला में भी कांग्रेस के गोविन्दराम व भाजपा के डॉ विश्वनाथ मेघवाल अब तक प्रत्याशी रहते आए है। किंतु इस बार क्या डॉ विश्वनाथ मेघवाल या फिर उनकी पत्नी को भाजपा मंत्री मेघवाल के सामने चुनाव मैदान में उतारेंगी या फिर कोई नया चेहरा हो सकता है। हाल फिलहाल पूरी तरह से तय नहीं है। बता दें कि खाजूवाला बीकानेर जिले की आरक्षित सीट है तथा केन्द्रीय कानून मंत्री व बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल के इशारे पर ही प्रत्याशी आएगा। ऐसे कय्यास लगाए जा रहे है।










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