श्रीडूंगरगढ़ लाइव न्यूज़ 21अक्टूबर 2023
आज भाजपा ने राजस्थान में 83 पार्टी प्रत्याशियों की और सूची जारी कर दी है, इससे पहले 41 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है, याने राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर अभी तक 124 प्रत्याशी घोषित करने के बाद शेष बची झगडे वाली 76 सीटों के लिये प्रत्याशियों के नामों पर हाई कमान माथा पच्ची करने में जुटे हुए हैं।
आज की सूची में बीकानेर जिले की छ विधान सभा सीटों में से चार पर भाजपा ने नाम तय कर दिये है, जिनमें तीन बिहारी विश्नोई, सुमित गोदारा, सिद्धि कुमारी वर्तमान सीटिंग विधायक है, और बीकानेर पश्चिम से भाजपा ने अपना प्रत्याशी आरएसएस के कर्मठ जेठानन्द व्यास को बनाकर दिग्गज मंत्री डाक्टर बीडी के सामने उतारा है, जबकि कोलायत व खाजूवाला सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है।
सूची में घोषित तीन नाम बिहारी विश्नोई व सुमित गोदारा तथा जेठानन्द को टिकट मिलना लगभग तय था, मगर सिद्धि कुमारी की टिकट कटनी लगभग तय मानी जा रही थी, और उनकी जगह पूर्व सीट पर डाक्टर सुरेन्द्र सिंह या महावीर रांका को मिलने की प्रबल संभावना थी।
माना तो यह भी जा रहा था कि पहली सूची में सर्व प्रथम देवीसिंह भाटी के नाम की घोषणा होगी, क्योंकि वह कोलायत से प्रबल दावेदार है, जिनको पार्टी ने आश्वस्त भी कर रखा है, फिर भी उनके नाम की घोषणा नहीं होना आश्चर्यजनक है।
भाजपा द्वारा बीकानेर जिले की चार सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के साथ टिकट से वंचित दावेदारों के विरोध के स्वर निकलने लग गये हैं, शायद नोखा में बिहारी विश्नोई व लूणकरणसर में तो सुमित गोदारा को टिकट देने का विरोध कम ही होगा, बीकानेर पश्चिम में जेठानन्द को एक दफे विरोध के गुब्बार का शिकार होना पडेगा, जबकि बीकानेर पूर्व में सिद्धिकुमारी को भारी विरोध झेलना पडेगा, वहां से प्रबल दावेदार महावीर रांका के समर्थकों ने तो विरोध का मोर्चा खोलकर तुरंत प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मंशा जाहिर भी करदी है कि पहले एक बार भाजपा हाईकमान से मिलकर पुनः विचार का निवेदन किया जायेगा, फिर भी हाईकमान ने ध्यान नहीं दिया तो संघर्ष का रास्ता देखना पडेगा। हालांकि महावीर रांका स्वयं प्रेस के सामने आये नहीं, मगर सारा कुछ हो उनके इशारे से ही रहा था।
समर्थको की बात करने के तरीकों से लगभग यह तो जाहिर हो ही गया कि महावीर रांका पूरी तरह पार्टी से विद्रोह करके चुनाव लड़ने की तैयारी में है, संभव वह निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ने की रिस्क नहीं लेकर किसी राष्ट्रीय दल के बैनर पर चुनावी मैदान में उतरेगे।
राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि महावीर रांका की पहली नजर तो कांग्रेस पार्टी पर है, अगर सौदा नहीं पटा तो फिर वह और कोई रास्ता तलाश करेंगे, जिसकी शायद उनको जरूरत नहीं पडेगी, क्योंकि कांग्रेस के पास भी ऐसा मजबूत कैंडिडेट नहीं है जो बीकानेर की पूर्व सीट पर राजकुमारी सिद्धि को टक्कर दे सके, इस मामले में महावीर रांका को ही साधन सम्पन्न माना जा रहा है, कांग्रेस पार्टी व महावीर रांका दोनों की तलाश पूरी हो जायेगी, क्योंकि कांग्रेस को साधन सम्पन्न मजबूत कैंडिडेट मिल जायेगा और महावीर रांका को राष्ट्रीय पार्टी का बैनर मिल जायेगा।
बात में कितनी सच्चाई है, यह कहना तो मुश्किल है, मगर खबर यह भी आ रही है कि महावीर रांका ने अपने एक नजदीकी बहुत बड़े भुजिया पापड व्यापारी जो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खास है, उसके सहित दो तीन अन्य वजूद वाले लोगों के माध्यम से अनेकों कांग्रेसी नेताओं तथा अशोक गहलोत के संपर्क में है, हो सकता है कि इसी इंतजार में कांग्रेस ने अभी तक पूर्व विधान सभा सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।










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