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कांग्रेस आलाकमान के उम्र के फॉर्मूले ने अशोक गहलोत के मंत्रियों की उड़ाई नींद, टिकट पक्का नहीं, इन 9 मंत्रियों के टिकट पर खतरा, कई विधायको और पूर्व विधायकों का भी कट सकता है पत्ता

श्रीडूंगरगढ़ लाइव 04 अगस्त 2023। राजस्थान विधानसभा चुनाव कांग्रेस के उम्रदराज मंत्रियों और विधायकों के टिकट कट सकते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने दो टूक कह दिया है कि कोई भी अपना टिकट पक्का न समझें। उम्रदराज मंत्रियों को को रिटायरमेंट के लिए तैयार हो जाना चाहिए। टिकट कटने की वजह 50 फीसदी टिकट युवाओं को दिए जाने की बात कही जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव में उदयपुर घोषणा पत्र के नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि सचिन पायलट युवाओं को ज्यादा टिकट देने की मांग करते रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने पायलट की यह बात मान ली है। सियासी जानकारों का कहना है कि यदि 50 फीसदी टिकट युवाओं को दिए जाते हैं तो गहलोत के 70 पार करीब 9 मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। कांग्रेस विधायकों के टिकट पर भी खतरे में पड़ सकते हैं। हालांकि, राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट वितरण का काम अभी बहुत दूर है लेकिन इसे लेकर पार्टियां एक्टिव मोड पर है। दूसरी तरफ विधानसभा चुनावों को लेकर उम्मीदवारों की पहली सूची सितंबर में आ सकती है। उम्मीदवारों का चयन जल्द से जल्द किया जाएगा।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कई महीने पहले कहा था कि बड़ी उम्र वाले लोगों को अपने आप ही कुर्सी का मोह त्याग देना चाहिए। इसमें कहने की जरूरत नहीं होती है। राजनीति में कटऑफ एज नहीं हो सकती। कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जो युवाओं को मौका देती है। कांग्रेस बुजुर्ग और अनुभवी नेताओं को साथ लेकर चलती है। युवाओं को आगे बढ़ाते रहते हैं। पार्टी में उम्रदराज नेताओं के टिकट कटते हैं तो सियासी तौर पर सीएम अशोक गहलोत के लिए झटका होगा। क्योंकि अधिकांश उम्रदाराज मंत्री और विधायक सीएम गहलोत के समर्थक माने जाते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट युवाओं की बात करते हैं, इसके पीछे यह भी वजह हो सकती है।

गहलोत के नौ मंत्री 70 पार

राजस्थान कांग्रेस में 75 विधायकों की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हैं। 50 से कम उम्र वालों में सिर्फ अशोक चांदना, भंवर सिंह भाटी, टीकाराम जूली और सालेह मोहम्मद हैं। कांग्रेस में 70 साल या उससे ज्यादा उम्र के 9 मंत्री हैं। इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, शांति धारीवाल, परसादीलाल मीणा, हेमाराम चौधरी, बीडी कल्ला, सुखराम विश्नोई, बृजेंद्र ओला, उदयलाल आंजना शामिल हैं। इसी तरह 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के 4 विधायक हैं। इनमें बाड़मेर के शिव से विधायक अमीन खान, रामनारायण मीणा, जौहरीलाल मीणा, दीपेद्र खैरिया शामिल है।

मंत्रियों ने निकाला नया फॉर्मूला

सीएम अशोक गहलोत के करीबी एवं सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का टिकट भी इस बार कट सकता है। माना जा रहा है कि शांति धारीवाल इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह अपनी जगह अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहते है। इसी प्रकार स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना अपने विधानसभा क्षेत्र लालसोट से अपने पुत्र को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि टिकट खतरे में पड़ता देख मंत्रियों ने नया फॉर्मूला निकाला है। खुद की जगह अपने परिजनों को टिकट दिलवाना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि पार्टी प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को कहना पड़ा कि नेता पुत्रों के टिकट नहीं दिया जाएगा। जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ता को टिकट दिया जाएगा।

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