श्रीडूंगरगढ़ लाइव…08 मई 2023।प्रिय पाठकों,
श्रीडूंगरगढ़ जनपद की कतिपय दिलचस्प ऐतिहासिक जानकारियां श्रीडूंगरगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासविद डाॅ चेतन स्वामी हमारे साथ नियमित साझा कर रहे है।
श्रीडूंगरगढ़ तहसील का सबसे बड़ा गांव-मोमासर
हाल के दो दशकों में सर्वाधिक विस्तारित और विकसित होनेवाले गांवों में सर्वोपरि है, मोमासर। अब वह किसी कस्बे की शक्ल अखतियार कर रहा है। गांव के मध्य स्थित बोदिया कुआ से वह सभी दिशाओं में एक-एक किलोमीटर से अधिक फैल चुका है। भले ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार सन 2011 की जनगणना में मोमासर की जनसंख्या 13337 थी, पर मोटे अनुमान से इन 11 वर्षों में यह संख्या बीस हजार को पार कर रही है। घरों की संख्या भी तीन हजार से अधिक निकल रही है। मोमासर का रुजगार और बाजार भी विस्तार पा रहा है। इसका कारण यह है कि मोमासर सरसब्ज कृषि क्षेत्र है और लोगों की क्रय शक्ति ठीक है। तीसरे यहां के उदार भामाशाह इसे ढेरों सुविधाएं देते रहे हैं। मोमासर की सभी दिशाओं से सड़कें निकलती हैं। आवागमन की सरलता है।
भले ही इस बजट में मोमासर को उप तहसील का दर्जा नहीं दिया गया,किंतु इसको अधिक समय तक अनदेखा किया जाना मुमकिन नहीं है। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के 98 गांवों में सबसे बड़ी आबादी वाला गांव मोमासर ही है। मोमासर के बाद आबादी में दूसरा बड़ा गांव रीड़ी है। 2011 की जनगणना के अनुसार तहसील के निम्न बड़े गांवों की आबादी इस प्रकार है। रीड़ी-10869, बिग्गा-6638, पूनरासर-6169, धनेरू-5707, बाना-5693, ठुकरियासर-5589, सेरूणा- 5575, दुलचासर-4633, एवम उप तहसील घोषित सूडसर की आबादी मात्र 2652 ही है।
मोमासर कहीं न कहीं राजनीतिक एप्रोच में पिछड़ रहा है।










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